1.एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू निचोड़ें और उसमें नमक मिलाकर उस पानी से गले के अंदर तक सुबह थोड़ीथोड़ी देर बाद 3-4 बार गरारे करें। 1-2 दिन में गला सामान्य हो जाएगा ।2. अदरक के टुकड़े कूट के उबाल
1. आँवला चूर्ण 1 से 2 ग्राम चूर्ण को गाय के घी के साथ मिला कर चाटने से थोड़े ही दिनों में तुतलापन दूर हो जाता है ।2. बारीक भुनी हुई फिटकिरी मुख में रखकर सो जाया करें ।एक मास के निरंतर सेवन से तुतलापन
1. पिसी हल्दी, नमक व सरसो का तेल मिलाकर पेस्ट सा बना कर उसे डिब्वे में रख ले सुबह इस पेस्ट को ब्रुश अथवा उगली के द्वारा दाँतों व मसूड़ों पर लगा लें थोड़ी देर लगा कर रखे फिर बाद में कुल्ला कर लें इस प्
शादी एक पवित्र रिश्ता तो है इसमें कोई शक नही है पर शादी के बाद पत्नी पनौती बन जाती है दोस्तो द्वारा सुना अभी तो !! अनुभव तो है नही मुझे😯 कुछ पुरुषो का दर्द कविता के माध्यम से लिख रहा हूं यह मात्र एक
एक चम्मच अजवायन और एक चम्मच जीरा पीसकर पाउडर बना लें। इसमें एक चुटकी नमक मिलाएं। इस चूरन को रोजाना दो बार खाएं। इससे इम्यूनिटी बढ़ेगी और हेपेटाइटिस में आराम होगा।रोजाना सुबह खाली पेट लहसुन की एक से दो
हमारे शरीर में जलीय अंश की मात्रा 50 से 60 प्रतिशत है। प्रतिदिन सामान्यतः 2300 मि.ली. पानी त्वचा, फेफड़ों व मूत्रादि के द्वारा उत्सर्जित होता है। शरीर को पानी की आवश्यकता होने पर प्यास लगती है। उसकी प
1. सुबह और शाम पथरी चटपौधे के तीन पत्तों को धो के रोज सुबह और शाम को खाली पेट मे चबा चबा कर खा ले ऊपर से थोड़ा पानी पी ले ( 3 सुबह और 3 शाम) ऐसा लगातार 20-25 दिनों तक करें, यकीन मानिए आपके शरीर म
लसोड़ा को हिन्दी में गोंदी, गोंदे , गुंदा और निसोरा भी कहते हैं । यह मधुर,कसैला, शीतल, कृमिनाशक, विषनाशक, बालों के लिए हितकारी,अग्निवर्द्धक, वातशामक, पाचक, कफ निकालनेवाला, अतिसार व जलनदूर करनेवाला, दर
पलाश के वृक्ष का गोंद पड़ता है, उसको कमरकश भी बोलते है, गोंद भी बोलते है | उससे कमरकश औषोधि अथवा टॉनिक बनती है |1 ग्राम कमरकश को दूध में डाल के दूध उबाल के दे देते हो तो नपुंसक भी मर्द होने लगेग
निमोनिया के रोग में जल्दी पचने वाली चीजें खानी चाहिए और पूरा आराम करना चाहिए। भोजन में परवल, तोरई, करेला, सेब, अनार, पालक तथा कुलथी का रस सेवन करना चाहिए। जौ या गेहूं की रोटी खानी चाहिए। दोप
1.नीम के कोमल पत्तों का रस निकालकर उसमें थोड़ी सी मिश्री मिलाकर पीने से खून साफ होकर खून की खराबी से होने वाले सारे रोग दाद, खुजली, फुंसियां आदि नष्ट हो जाते हैं।2.नीम के पत्तों को पानी में उबालकर एक्ज
गुण-धर्मः टमाटर खट्टा मीठा, रूचिवर्धक, अग्निदीपक व शक्तिवर्धक है। इसके सेवन से शरीर की स्थूलता, उदररोग, अतिसार आदि रोगों का नाश होता है। इसमें लौहतत्त्व दूध की अपेक्षा दोगुना व अण्डे की अपेक्षा पाँच ग
1. रोज सुबह सरसों या नारियल के तेल में लहसुन की तीन-चार कलियॉ डालकर (जब तक लहसुन की कलियां काली न हो जायें) गर्म कर लें। ठंडा होने पर इस तेल से कमर की मालिश करें।2. नमक मिले गरम पानी में एक तौलिया डाल
आजकल लोग बीमारियों के शिकार अधिक क्यों हैं ? अधिकांश लोग खाना न पचना, भूख न लगना, पेट में वायु बनना, कब्ज आदि पाचन संबंधी तकलीफों से ग्रस्त हैं और इसीसे अधिकांश अन्य रोग उत्पन्न होते हैं । पेट की अनेक
हानिकारक हैं एल्युमिनियम के बर्तन विभिन्न प्रयोगों के आधार पर वैज्ञानिकों ने कहा है कि एल्युमिनियम के बर्तनों से शरीर में एक प्रकार का जहर फैलता है जिसका मनुष्य की पाचनक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव प
1.दही , छाछ , पापड़, गुड़, तलेहुए व उडद से बने पदार्थ, अचार , पनीर , मिठाई , चावल , सुखामेवा , आलू , टमाटर, नींबू , चना, राजमा, चौलाई, सेम, ग्वारफली, अरवी , मक्का, चिकने भारी पदार्थ, मैदे व दूध से बने प
मसालेदार चटपटा खाना खानास्मोकिंग, शराब और दूसरे नशे करनालम्बे समय तक ख़ाली पेट रखनारात का भोजन सही समय पर नही करनाख़ाली पेट चाय का सेवन करना शरीर में गर्मी बढ़ जानाएसिडिटी के लक्षण पेट मे
घृतकुमारी शरीर गत दोषों व मल के उत्सर्जन के द्वारा शरीर को शुद्ध व सप्तधातुओं को पुष्ट कर रसायन का कार्य करती है I विविध त्वचा विकार, पीलिया, रक्ताल्पता, कफजन्य ज्वर, हड्डियों का बुखार, नेत्ररोग,
1.हरड़ और सोंठ को 3-3 ग्राम की मात्रा में पानी के साथ लेने से यूरिक एसिड में लाभ होता है। यूरिक एसिड का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार 1.रोग का उपचार करने के लिए सबसे पहले शरीर में जमा यूरिक एसि
मैं समय हूं । हर पल रहने वाला, गतिशील ।न मैं, रुका हूं । न, मैं रुकूंगा ।मैं रहूंगा, हरपल प्रयत्नशील । मेरा साथ ,जिसको भा जाता है ।वह पल में, क्या