एक संत को एक नाविक रोज इस पार से उस पार ले जाता था, बदले मैं कुछ नहीं लेता था, वैसे भी संत के पास पैसा कहां होता था,🌹 🌹नाविक सरल स्वभाव का था, पढालिखा तो था नहीं, पर वह बहुत समझदार
सम्बन्ध उसी आत्मा से जुड़ता है जिनका हमसे पिछले जन्मों का कोई रिश्ता होता है, वरना.दुनियां के इस भी
कोई साथ न हो, कोई बात नहीं ।ख्वाबों का साथ है । ये हैं, सौगात बड़ी ।ख्वाबों के साथ ही, बैठकर, कुछ समय बिता लेता हूं ।दिल के अरमानों की इक,
आपने पंच मुखी हनुमानजी की तरह आपने पंचमुखी गणेशजी की भी प्रतिमाएं देखी होगी। क्या आप जानते है क्या है इनका अर्थ ?शुभ और मंगलमयी होते हैं पंचमुखी गणेशपांच मुख वाले गजानन को पंचमुखी गणेश कहा जाता है। पं
नीति शास्त्र कहते हैं कि नीच और अधम श्रेणी के मनुष्य- कठिनाईयो के भय से किसी उत्तम कार्य को प्रारंभ ही नहीं करते। मध्यम श्रेणी के मनुष्य - कार्य को तो प्रारंभ करते हैं मगर विघ्नों
-------‐-सहदेव मामा---( कहानी प्रथम क़िश्त)सहदेव ममा को देखकर मालती बहुत डरती थी । यह डर उसके दिल में बचपन से घर कर गया था । उनके मामा सहदेव बहुत ही ऊंचे कद काठी के इंसान थे साथ ही वे बोलते भी बहुत कम
सोरायसिस(अपरस/ Psoriasis) एक प्रकार का चर्मरोग है जो संक्रामक होता है। यह रोग सर्दियों के मौसम मे होता है। यह रोग उन व्यक्तियों को होता है जो अधिक परेशानियों से घिरे रहते हैं। इस रोग का प्रभाव व्यक्ति
1.शक्कर और सौंफ को कूटकर रात में गलाएँ और प्रातः पिएँ। सुबह खाली पेट पंद्रह दिनों तक पीने से पेशाब में जलन बंद होती है।2.ईसबगोल के चूर्ण का शर्बत बनाकर पीने से मूत्रदाह एवं मूत्राघात रोग मिट जाता है।3
1.प्रतिदिन फिटकरी गर्म पानी में घोलकर कुल्ला करने से दांतों के कीड़े और बदबू खत्म हो जाती है ।2.अजवायन को पीसकर खोखले दांत में भरकर रखने से दांतों के कीड़े व दर्द ठीक होते हैं।3. हींग को थोड़ा गर्म करके
डायरी दिनांक १२/०४/२०२२ शाम के पांच बजकर चालीस मिनट हो रहे हैं । निकृष्ट व्यक्ति कभी भी अपनी निकृष्टता नहीं छोड़ सकता है। यदि कोई निकृष्ट व्यक्ति कुछ दिनों शांत रहे तब वह एक बड़े खेल की
आँखों का पानी सुख गया तो रात को अंजीर भिगो के रख देना और सुबह को खा लेना | थोड़े दिनों में आँखों की तकलीफ दूर हो जायेगी |
1.बेलपत्र और नीम पत्र का समभाग मिलाकर 15 से 30 मि.ली तक ‘रस’ प्रात: व सायं खाली पेट पिलायें । 2.ईसबबेल 2 से 4 चम्मच दानेदार चूर्ण जल से दिन में 3, 4 बार खिलायें । इससे कब्ज दूर होकर आमाशय आ
आधा भोजन करने के पश्चात् हरे आँवलों का 30 ग्राम रस आधा गिलास पानी में मिलाकर पी लें । फिर शेष आधा भोजन करें । यह प्रयोग 21 दिन तक करें । इससे हृदय व मस्तिष्क की कमजोरी दूर होती है तथा स्वास्थ्य सुधरता
बरगद का दूध कुष्ठ रोगों की रामबाण औषधि है। यह गम्भीर से गम्भीर और पुराने से पुराना कुष्ठ रोग ठीक कर देता है। इसके लिए कुष्ठ प्रभावित भाग को साफ करके उस पर बरगद के दूध का लेप करना चाहिए और इस पर बरगद क
गर्भावस्था में पानी की कमी से बहुत सारी परेशानियां हो सकती हैं । आपके बच्चे की सेहत के लिये यह अच्छा नहीं है।गर्भावस्था में कभी-कभी ऐसी स्थिति भी आती है जब पानी की मात्रा बच्चेदानी में कम हो जात
चार लौंग पीसकर उनमें नींबू का रस मिला के दांतों और मसूडों की धीरे धीरे मालिश करें । इससे दर्द दूर होगा एवं मसूड़े भी स्वच्छ हो जाएंगे ।4 लौंग पीस कर एक गिलास पानी नहीं उबालें , दिन में तीन चार बार इस
ज्यादा पसीना (pasina)बहने के कारण शरीर में पानी और लवणों की कमी हो जाती है जिसके कारण सिर में दर्द, नींद, चिड़चिड़ापन और कभी-कभी उल्टी भी आने लगती है। व्यक्ति अपना कोई भी निर्णय नहीं ले पाता है। उसका शर
11 सफेद मिर्च व 10 ग्राम मिश्री को पीसकर प्रातः लगभग 4 बजे 25 ग्राम दूध को मलाई में मिला केर चाट लें और एकाध घंटा सो जाएँ इस प्रयोग को केवल 7 दिन करने से आधासीसी के दर्द व दिन निकलने पर सुरु होन
मेथी दाना पीस के रख दिया1चम्मच मेथी दाना,1/2 चम्मच हल्दी और1/2 चम्मच गंथोदा (जिसे पिपलामुल भी कहते हैं पंसारी के यहाँ मिलते है )कुल मिला के 2 चम्मच हो गए | रात को एक ग्लास पानी में भिगा दो | सुब
1.दालचीनी का छोटा-सा टुकड़ा चूसने से स्वरभंग (गला बैठना) की विकृति नष्ट होती है व आवाज खुलती है |2.अदरक रस शहद में मिलाकर चाटने से बैठी आवाज खुलती है व सुरीली बनती है |3.गला बैठ जाए या गले में सूजन हो