लखनऊ ब्यूरो-: हाँलाकि, प्रदेश में अभी भाजपा के संभावित नये मुख्य मंत्री के नाम को लेकर अटकलों का दौर जारी है, लेकिन उसकी धमक का असर अभी से ही दिखाई पडने लगा है। नतीजतन, पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार में जान बचाते घूम रहे गैंगरेप और यौनशोषण का आरोपी पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति आज भोर में लगभग तीन बजे लखनऊ पुलिस के हत्थे चढ गया। आवश्यक कार्यवाही के बाद आलमबाग पुलिस इसे अदालत ले गयी, जहां से इसे 14 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
इसके पहले सोमवार की रात में पुलिस इसके बेटे अनुराग और भतीजे सुरेंद्र को आवश्यक पूछताछ के लिये उठा लायी थी। पुलिस की पूछताछ में अनुराग प्रजापति ने अपने पिता को पूरी तरह बेगुनाह बताते हुए कहा कि उन्हें राजनीति क साजिश के तहत फंसाया गया है। इसी के बाद गायत्री प्रजापति की नसें ढीली होनी शुरू हो गयी। इस स्थिति में वह अदालत मे समर्पण करने के इरादे से बहुत लुकछिप कर आ रहा था। लेकिन, नयी सरकार में खुद अपनी खाल बचाने के लिये बेचैन पुलिस ने उसे यह मौका नहीं दिया।
बताया जाता है कि अपनी फरारी हालत में गायत्री दिल्ली, गुडगांव तथा कलकत्ता आदि शहरों में लुकता छिपता घूम रहा था। उसकी आखिरी लोकेशन कलकत्ता में बतायी गयी है। लेकिन, इस जघन्यकांड के अन्य सभी सहआरोपियों की गिरफ्तारी और अपने बेटे और भतीजे को पूछताछ के लिये पुलिस के उठा लिये जाने के बाद ही उसकी नसें ढीली पड गयीं। इस स्थिति में पारिवारिक दबाव के पडने से वह कलकत्ता से अदालत में आत्मसमर्पण करने के इरादे से आ रहा था। लेकिन, उसका मंसूबा नहीं कामयाब हो सका।
खुद अपनी जान बचाने के लिये पुलिस उसकी जान के पीछे पडी पुलिस उसके एक एक पल की जानकारी ले रही थी। लिहाजा, आज भोर में लगभग तीन बजे उसे थाना पारा के पास गिरफ्तार कर लिया गया। इसके पहले पुलिस ने इस कांड के सहआरोपी गायत्री के निजी सचिव रूपेश्वर उर्फ रूपेश, उसके बिजेनेस पार्टनर विकास वर्मा और अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह लेख पाल अशोक तिवारी, अशोक कुमार शुक्ल और गायत्री के गनर हेडकांस्टेबिल चंद्रपाल को गिरफ्तार कर लिया था। गायत्री प्रजापति सहित इन सबके खिलाफ गैंगरेप, यौनशोषण और पाँक्सो एक्ट के तहत मुकदमा कायम है।
सोमवार की रात में पुलिस इसके बेटे अनुराग और भतीजे सुरेंद्र को आवश्यक पूछताछ के लिये उठा लायी थी। गायत्री प्रजापतिUPकी खबरों के लिए संपर्क करे -:9889991111