लखनऊ : यूपी विधानसभा चुनाव में ईवीएम मशीनों को लेकर उठ रहे सवालों को लेकर चुनाव आयोग ने अपनी सफाई में जो जवाब दिया है. उससे विपक्षी पार्टियों को और बल मिल गया है. दरअसल चुनाव आयोग ने अपने ज़वाब में दो विशेष बातो का ज़िक्र किया ,एक तो VVPAT मशीनों का इस्तेमाल की बात कही है. जबकि ये बात सत्य नहीं है. गौरतलब है कि चुनाव में सिर्फ बीस सीटो पर इन मशीनों का इस्तेमाल किया गया है.यही नहीं दिलचस्प बात ये है कि इन मशीनों का इस्तेमाल भी चिन्हित विधानसभा के सभी पोलिंग स्टेशन में नहीं किया गया है. इसलिए अपने जवाब में इस तर्क को देना ही समझ से परे है.
सुप्रीम कोर्ट का 2013 का क्या है आदेश ?
आनन फानन में चुनाव आयोग जवाब देने में ये भी भूल गया कि कोर्ट में EVM की गड़बड़ी के मुकदमो में चुनाव आयोग खुद इन मशीनों को पूर्ण रूप से अचूक नही साबित कर सका जबकि चुनाव आयोग ने अपने जवाब में कहा है कि अब तक जितने भी EVM की गड़बड़ी के मुकदमे कोर्ट में गये है उसमे ये सबित नही हो सकता है कि EVM में गड़बड़ी हुई है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट का 2013 का आदेश है कि हर EVM के साथ पर्ची निकालने की मशीन( vvpat)लगाई जाए. इन पर्चियों को मतपेटी में सुरक्षित रखा जाए ताकि विवाद की स्थिति में वोट दोबारा गिने जा सकें.
कोर्ट का आदेश जानने के लिए क्लिक करें इस लिंक को ------http://supremecourtofindia.nic.in/outtoday/9093.pdf