नई दिल्ली : सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टीगेशन (सीबीआई) ने कनाडा के अधिकारियों को एक पत्र भेजकर कनाडाई मूल के बिजनेसमैन नज़ीर कारीगर से पूछताछ करने की अनुमति मांगी है। नजीर पर आरोप है कि उन्होंने साल 2007 में यूपीए की सरकार के दौरान एयर इंडिया के एक ठेके को पाने के लिए यूपीए सरकार के एक मंत्री को कई लाख डॉलर की रिश्वत दी गई थी।
कनाडा की सुपीरियर कोर्ट ने गवाहों के आधार पर ये फैसला दिया था कि चेहरे से व्यक्ति की पहचान करने वाले सॉफ्टवेर का ठेका एयर इंडिया से पाने के लिए ये रिश्वत दी गई थी। यूपीए सरकार के दौर में पूर्व केंद्रीय उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल का नाम इस मामले में आया था।
कनाडा की अदालत के फैसले में साफ लिखा है कि 'फेशियल रिकॉगनिशन' यानि चेहरे से व्यक्ति की पहचान के सॉफ्टवेयर का ठेका एयर इंडिया से हासिल करने के लिए रिश्वत रिश्वत दी गई थी। कोर्ट ने फैसले में कहा गया है कि 'क्रिप्टोमेट्रिक्स कनाडा लिमिटेड ऑफ़ ओटावा' नाम की कंपनी ने भारत के तत्कालीन उड्डयन मंत्री पीएफ यानि प्रफुल्ल पटेल को और कई बड़े अफसरों को साढ़े चार लाख डॉलर यानि करीब 3 करोड़ रुपए की रिश्वत दी। इसमें नजीर कारीगर नाम के एनआरआई ने अहम भूमिका निभाई, कारीगर को तीन साल की कैद दी गई है।