नई दिल्ली : सरकार ने ऐसी दवा कंपनियों की एक सूची तैयार की है जो जांच के दौरान फेल हो गई। इन कंपनियों द्वारा बनाई गई दवाएं केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के गुणवत्ता परीक्षण में फेल हो गई। इनमे जायडस हेल्थकेयर, डॉ रेड्डीज लैबोरेट्रीज, सिप्ला और फाइजर सहित 66 दवा कंपनियां शामिल हैं।
गौरतलब है कि भारत से करीब 200 देशों को दवाओं का निर्यात होता है और सरकार वैश्विक मानकों के हिसाब से विनिर्माण प्रक्रिया सुनिश्चित करना चाहती है। जांच के लिए दवा कंपनियों से कम से कम 5 नमूने परीक्षण के लिए गए थे जो नाकाम रहे। सीडीएससीओ के मुताबिक फाइजर के 25 नमूने परीक्षण में नाकाम हुए हैं जबकि एलेंबिक और डॉ रेड्डीज लैबोरेट्रीज के 9 नमूने गुणवत्ता में खरे नहीं उतरे हैं। सिप्ला के 7 और जायडस हेल्थेकेयर के 6 नमूने भी परीक्षण में नाकाम रहे।
बिज़नेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक एंटीबायोटिक्स ऐंड फार्मास्यूटिकल्स तथा केरल स्टेट ड्रग्स ऐंड फार्मास्यूटिकल्स जैसी सरकारी कंपनियां भी इस सूची में शामिल हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय और केंद्र औषधि नियंत्रक के मुताबिक इन दो कंपनियों के क्रमश: 15 और 14 नमूनों की गुणवत्ता जांच में खरी नहीं उतरी। कुछ मामलों में तो 61 नमूने गुणवत्ता परीक्षण में नाकाम रहे।
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने इससे पहले कहा था कि भारत को 2 फीसदी के वैश्विक स्तर तक पहुंचने में कम से कम दो साल लगेंगे। दवा कंपनियों और उनकी विनिर्माण इकाइयों पर लगातार नजर रखने के लिए सरकार ने जोखिम आधारित आकलन शुरू किया है। माना जा रहा है कि सरकार अमेरिका और यूरोपीय संघ की तर्ज पर दवा कंपनियों और उनके उत्पादों का आकलन करना चाहती है।