देहरादून : अध्यात्मिक गुरा स्वामी कैलाशानंद महाराज के ऊपर महिला ने रेप का आरोप लगाने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि अब एक और परिवार ने बाबा पर संगीन आरोप लगाया है कि यूपी सरकार से काम दिलवाने के नाम पर स्वामी कैलाशानंद महाराज ने BMW कार ली है
शिवपाल का करीबी बताया
बाबा पर आरोप है कि काली पीठ के महाराज स्वामी ने उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री शिवपाल यादव का करीबी बताया. और यूपी सरकार से काम दिलवाने की एवज में देहरादून के एक परिवार से BMW गाड़ी ली थी. लेकिन न काम हुआ न महाराज अब गाड़ी दे रहे हैं. ये मामला 2012 का है और चार सालों से पीडित परिवार आश्रम और पुलिस अधिकारियों के चक्कर काट रहा है. फिलहाल पुलिस इस मामले को जास की बात बता कर पल्ला झाड़ रही है.
.बेटे ने 7 दिन के अंदर आश्रम में खड़ी कर दी चमचमाती BMW कार
दरअसल देहरादून के रेसकोर्स वेले में उमेश बगिया का परिवार रहता है . उमेश का कामकाज ठीक नहीं चल रहा था तभी उमेश के दोस्त ने उनकी मुलाकारत महाराज से करावाई और कहा कि यह यूपी सरकार के वरिष्ठ मंत्री शिवपाल यादव के करीबी है और वह उत्तर प्रदेश सरकार से काम दिलवा सकते है इसके एवज में महाराज जी को कुछ देना होगा. उमेश की मां ने बताया कि काम दिलवाने की बात महाराजजी से हो गई और सात दिनों के अन्दर महाराज के आश्रम में चमचमाती BMW उनके बेटे ने खडी कर दी थी . पैसे की तंगी के बावजूद भी उमेश ने बाबा को गाड़ी किस्तों पर दिलवाई वो भी इस लिए की अगर महाराज काम दिलवा देते है तो वो आराम से इस गाड़ी के पैसे चुका देगा। लगभग 5 लाख रुपये देकर गाड़ी निकलवा तो ली लेकिन कुछ दिन तक उमेश को कोई काम नहीं मिला.
कार के पेपर
मां - बाप उमेस की पत्नी और बच्चो के साथ बड़ी मुश्किल से गुजरा कर रहे थे . अचनाक बैक से उनके पास नोटिस आने लगा. बेट उमेश डिप्रेशन में जाने लगा . उनके पास खाने तक के पैसे नहीं थे लिहाजा माहराज के पास जा कर गाड़ी के पैसे या गाडी दोनों में से कोई एक जीच देने को कहा . लेकिन बाबा जी ने वापस नहीं किया.
दाने दाने के तरस रहा है यह परिवार
परिवार ने इसकी शिकायत गढ़वाल आईजी संजय गुंजियाल से 16 फरवरी 2016 को की, लेकिन कोई फायद नहीं हुआ . उमेश बगिया के पिता बीएम बनगियां बताते है कि गाड़ी के पैसे उन पर चढ़ेते जा रहे थे लिहाज उन्होने गाड़ी के पैसे पूरे देने के लिए अपना मकान पर लोन ले लिया और किसी तरह से गाड़ी के पूरे पैसे चुका दिए. लेकिन पेंशन में गुजारा कर रहे या परिवार आज दाने दाने के लिए तरस रहा है .