नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर छापने को लेकर केंद्र सरकार ने खादी और ग्राम उद्योग आयोग को बिना इजाज़त पीएम मोदी की तस्वीर छापने से मना किया है। दरअसल, नए साल के मौके पर पिछले महीने खादी उद्योग की डायरी और कैलेंडर में पीएम की चरखा चलाते फोटो छपी थी, जिस पर भारी विवाद हुआ था। विरोधियों ने पीएम मोदी पर महात्मा गांधी की जगह हथियाने का आरोप लगा दिया था। अपनी सफाई में आयोग के अधिकारियों ने दावा किया था कि उन्होंने 2017 के कैलेंडर में महात्मा गांधी की जगह मोदी की फोटो इस्तेमाल करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से इजाज़त ली थी। अब लघु, सूक्ष्म और मध्य उद्योग मंत्रालय ने आयोग को मेमोरेंडम भेजकर कहा है कि प्रधानमंत्री की तस्वीरें छापने से पहले पीएमओ से इजाज़त ज़रूर ली जाए।
हालांकि, विवाद के बाद खादी ग्राम उद्योग आयोग ने कहा था कि ऐसा कोई नियम नहीं है कि कैलेंडर पर बापू की तस्वीर होनी ही चाहिए। उसके एक अधिकारी ने न्यूज एजंसी एएनआई से कहा था कि साल 1996, 2005, 2011, 2013 और 2016 में भी आयोग के कैलेंडर और डायरी पर महात्मा गांधी की तस्वीर नहीं लगाई गई थी।
खादी ग्राम उद्योग आयोग (KVIC) द्वारा साल 2017 के लिए प्रकाशित कैलेंडर और टेबल डायरी में बापू की जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर छापी गई थी। कैलेंडर के कवर फोटो और डायरी में बड़े से चरखे पर खादी कातते मोदी की तस्वीर देखकर संस्थान के ज्यादातर कर्मचारी हैरान रह गए थे। इस कदम से क्षुब्ध KVIC कर्मचारियों ने मुख्यालय में शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया था और लंच टाइम में मुंह पर काली पट्टी बांधी थी। हालांकि सरकार की तरफ़ से ‘प्रधानमंत्री की तस्वीरों के KVIC द्वारा कैलेंडर और डायरी में इस्तेमाल के बाद कुछ बिंदु तय किए गए हैं, जो भविष्य में KVIC को फॉलो करने होंगे।”
महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी ने इसपर कहा था कि बापू की तस्वीर हटाने के पीछे केंद्र सरकार की सोची समझी रणनीति है, ताकि वह अपनी साख बढ़ा सके। वहीं, केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र ने सफाई देते हुए कहा था कि कैलेंडर पूरे 12 महीने का है और सिर्फ एक ही पेज पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोटो है। इसका मतलब यह नहीं है कि मोदी ने बापू की जगह ले ली है।