गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में भर्ती मास्को ओलंपिक के गोल्ड मेडीलिस्ट हॉकी लीजेंड मोहम्मद शहीद को यूँ सरकार से कोई देखने नहीं आया.
नई दिल्ली : गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में भर्ती मास्को ओलंपिक के गोल्ड मेडीलिस्ट हॉकी लीजेंड खिलाडी मोहम्मद शहीद को यूँ सरकार से कोई देखने नहीं आया. लेकिन शाम होते-होते रेलवे ने उनके इलाज की हामी भर दी है. लीवर में आई खराबी के बाद शहीद को बनारस से इलाज के लिए दो दिन पहले यहां लाया गया है. जहां अब उनकी हालत पहले से बेहतर बताई जा रही है.
गोल्ड मेडल दिलाकर बढ़ाया था देश का मान
गौरतलब है कि साल 1980 के मास्को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाकर देश का मान बढ़ाने वाले इस खिलाडी को पदमश्री के अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है. यही नहीं वह पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र के नवरत्नों में से एक है. बावजूद इसके सरकार का कोई भी नुमाईंदा उनसे मिलने मेदांता अस्पताल नहीं पंहुचा. जबकि देश कि हॉकी टीम का नेतृत्व करने वाले भारतीय टीम के पूर्व कप्तान रहे शाहिद यहां अस्पाताल में अपनी जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं.
रंग लायी इंडिया संवाद की मुहिम
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान शाहिद के मेदांता अस्पाताल में भर्ती होते ही इस मामले को सबसे पहले 'इंडिया संवाद' ने अपनी मुहिम छेड़ी, जिसके बाद रेलवे ने उनके इलाज का सारा खर्च उठाने की जिम्मेदारी ली है. शुक्रवार को भी सबसे पहले चैनल वालों में पहुंचने वाली टीम भी 'इंडिया संवाद' की ही थी. हॉकी खिलाडी धनराज पिल्ले ने भी पीएम मोदी से मिलकर शाहिद की मदद करने की मांग की है. फिलहाल अस्पताल में मौजूद उनके पुराने हॉकी खिलाडी साथी रफीक ने इंडिया संवाद से कहा की अभी तक सरकार की और से उनकी मदद करने व उन्हें देखने कोई भी नहीं आया है. और क्या कहा देखें वीडियो -----
सरकार नहीं, भाग्य के भरोसे जिंदगी से जंग लड़ रहे हैं देश का मान बढ़ाने वाले खिलाडी शाहिद