नई दिल्ली : दिवाली के त्योहार से पहले ही रेवन्यू इंटेलीजेंस की टीम ने उत्तर भारत के इलाकों में भेजे जाने वाले चायनीज पटाखों की 19 करोड़ 48 लाख एक बड़ी खेप पकड़कर पटाखा तस्करों की नींद उड़ा दी है. बताया जाता है कि सस्ते दामों में चायना से पटाखे लाकर कुछ माफिया मुनाफा कमाने की फ़िराक में थे. लेकिन इससे पहले वह अपने प्लान में कामयाब हो पाते कि दिल्ली की इंटेलीजेंस ने सारा का सारा माल पकड़ लिया.
खतरनाक पटाखे हैं ये
सूत्रों के मुताबिक बाजार में बेचे जाने वाले ये पटाखे बेहद खतरनाक बताये जाते हैं. जिसके चलते इन पटाखों को जलने से कई लोगों की जान भी जा सकती है. जिसके चलते दिल्ली की सरकार ने इन पटाखों की बिक्री पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया है. बताया जाता है कि दिल्ली में एक बड़ा गिरोह सक्रिय है, जो लंबे समय से चायना से सीधे पटाखे मंगाकर देश के उत्तर भारत में वितरित करता है. रेवन्यू विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक इन पटाखों में पोटेशियम क्लोरेट इतनी अधिक मात्रा में है कि इसे जलने से बड़ी आगजनी की घटना भी हो सकती है.
रेवन्यू इंटेलीजेंस की टीम ने बिछाया था जाल
रेवन्यू विभाग की इंटेलीजेंस टीम को अपने मुखबीर से जैसे ही इस बात की खबर मिली कि चायना से कुछ तस्कर दिल्ली में पटाखे लेन वाले हैं. उसने देश के सभी बंदरगाहों पर चीन से आने वाले कन्टेनरों की निगरानी बड़ा दी गयी. यही नहीं टीम को जैसे ही इस बात की खबर मिली की लुधियाना के एक बड़े साइकिल निर्माता के नाम से दिल्ली में एक कंटेनर लाया जा रहा है. ये कंटेनर कारगो से गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर उतरने के बाद दिल्ली लाया जा रहा है और फिर यहां से आईसीडी तुगलकाबाद पर आया. वहां पहले से ही जाल बिछाकर बैठी टीम ने यह पता लगा लिया की जो मूल आयात करने वाली साइकिल की कंपनी ने ऐसा कोई कंटेनर ही नहीं मंगाया. जिसके चलते रेवन्यू टीम ने कंटेनर जब खुलवाकर देखा तो पहले आगे की तरफ उसे कुछ साइकिल के पार्ट्स मिले और उसके बाद चायना के पटाखों की बड़ी खेप मिली.
76 करोड़ के पटाखे पकडे जा चुके हैं
फिलहाल रेवन्यू टीम इन पटाखों की तस्करी करने वाले मुख्य आपरेटर की तलाश कर रही है. बताया जाता है की पकडे गए पटाखों की कीमत तकरीबन 20 करोड़ रुपये है. यही नहीं दिवाली से पहले रेवन्यू की टीम अब तक 76 करोड़ के पटाखे पकड़ चुकी है. जानकारों की मानें तो दिल्ली के कई बड़े व्यापार ी इस कारोबार में शामिल बताये जा रहे हैं. बताया जाता है कि यह व्यापारी उत्तरी भारत के इलाकों में चोरी छुपे चायनीज पटाखे बेच रहे हैं.