
नई दिल्ली : सौदेबाज़ी और तोलमोल में आज भी मुकेश अम्बानी का कोई सानी नही है. साल भर में जितना मुनाफा मुकेश कमाते हैं उतना इस देश में बहुत सी राज्य सरकारों का बजट नही है. और शायद अपनी इसी ताकत के भरोसे मुकेश ने टेलीकॉम की सबसे भयानक जंग में एयरटेल के मालिक भारती मित्तल को खुली चुनौती दी है.
टेलीकॉम की इतनी बड़ी जंग होते देख, जहां प्रधानमंत्री मोदी ने संचार मंत्री की कुर्सी से रवि शंकर को हटाकर मनोज सिन्हा को बैठाया है वहीं मुकेश ने मित्तल से निपटने के लिए छोटे भाई अनिल से हाथ मिला लिया है. आज अनिल अम्बानी ने खुलासा कर ही डाला की उनकी कम्पनी आर कॉम और मुकेश की जिओ अब एक ही हैं. अनिल ने दलील दी की उन्होंने पिता धीरूभाई के सपने पूरे करने के लिए जिओ से हाथ मिलाया है. या यूं कहे संकट आने पर अनिल और मुकेश अब भारती मित्तल को धूल चटाने के लिए एक हो गए है.
मोदी ने विवाद से बचने के लिए रवि शंकर को हटाकर सिन्हा को मंत्री बनाया था
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने संचार भवन में सबको सामान अवसर देने के लिए रवि शंकर प्रसाद को पहले ही किनारे कर दिया है. रवि शंकर कुछ कारपोरेट घराने के नज़दीकी माने जाते हैं. लेकिन रवि की छवि से अलग , नए मंत्री मनोज सिन्हा अच्छी शोहरत वाले बताए जाते हैं और शायद इस साख के चलते वो खरबो रूपए की कॉरपोरेट वार में तटस्थ रहेंगे ऐसा पीएमओ का सोचना है. लेकिन सबसे ज्यादा दिक्कत में एयरटेल है. जिस तरह से एयरटेल को अब मुकेश और अनिल का सामना करना पड़ेगा उससे भारती मित्तल परेशान दिख रहे हैं. दरअसल मुकेश अम्बानी ने कॉल से लेकर डाटा चार्ट्ज के रेट इतने अधिक घटा डालें है कि ग्राहकों को लुभाने के लिए एयरटेल को कुछ समझ ही नही आ रहा है.
मित्तल और मुकेश की लड़ाई डेढ़ दशक पहले हुई थी शुरू
15 साल पहले जब सेलुलर फ़ोन सेवा निजी हाथों में सौंपी गयी थी तब भी मुकेश और भारती में ज़बरदस्त लड़ाई छिड़ी थी. लेकिन बीच में जब मुकेश और अनिल का बंटवारा हुआ तो भारती, देश में संचार के सबसे बड़े खिलाड़ी बन बैठे. इसीलिए कुछ दिनों पहले जब उन्होंने मुकेश और अनिल के करीब आने की बात सुनी तो सबसे पहले एयरटेल ने सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया में रिलायंस के खिलाफ तगड़ी लॉबिंग की और ट्राई में शिकायतों का ताँता लगा डाला. बहरहाल मुकेश को धीरूभाई जैसा तिगड़मी व्यापार ी माना जाता है और संचार उद्योग में अब भारती के खिलाफ रिलायंस के नए पैंतरे की प्रतीक्षा की जा रहीहै. आने वाले दिन ज़ाहिर करेंगे की मोबाइल फ़ोन की दुनिया किसकी मुट्ठी में है. मुकेश या मित्तल ? तो अगली घंटी तक कॉल की प्रतीक्षा कीजिये.