लखनऊ : 'ई है बंबई नगरिया तू देख बबुआ', फिल्म डॉन का यह गीत सीएम योगी के राज्य यूपी में एकदम सटीक बैठता है. दरअसल यहां सरकार भले ही किसी की आये, लेकिन यहां की पुलिस का अपनी राग अपनी ढपली अलापती नजर आ रही है. इसी का नतीजा है कि एटा पुलिस समाजवादी सोच से उबर नहीं पाई है. आज भी नियम-कानून और सरकार की नीतियों को ताक पर रखकर जंगलराज की तर्ज पर कानून व्यवस्था को संभाल रही है. जिसके चलते बीती रात 9.30 बजे स्थानीय नुमायश ग्राउण्ड में स्टेज प्रोग्राम को देखने जा रहे बेकसूर पत्रकार को नशे में धुत मेला चैकी के दरोगा सहित आधा दर्जन सिपाहयों ने बिना बात के खींच कर इस तरह पीटा जैसे कोई बहुत बड़ा अपराधी उनके हत्थे चढ गया हो।
नशे में धुत सिपाहियों और दरोगा ने की पत्रकार की पिटाई
गौरतलब है कि सूबे के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी पत्रकारों के हित संरक्षण व सम्मान के लिए नये-नये भारी भरकम दिशा-निर्देश जारी कर रहे हैं परंतु एटा पुलिस पर इन निर्देशों के विपरीत आचरण कर रही है. लाठी-डन्डे, लात-घूंसों से लगातार सवा घण्टे तक अस्थाई चैकी में बंधक बनाकर पीटते रहे जबकि पत्रकार बराबर चीख-चीख कर बता रहा था कि मैं पत्रकार विजय वर्मा हूं. लेकिन नशे में धुत इन पुलिस जनों से इससे कोई मतलब नहीं था. पिटाई की बर्बरता का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि पत्रकार को दोनों खंभे से बधवाकर पूरे शरीर पर ताबडतोड डन्डे बरसाये. घटना की भनक लगते नुमाइश ग्राउण्ड में मौजूद कुछ पत्रकार वहां पहुंचे तब उनके विरोध करने पर देर रात करीब पौने ग्यारह बजे उन्हें छोड़ा गया. घटना की जानकारी पीड़ित पत्रकार विजय वर्मा ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सत्यार्थ अनिरूद्ध पंकज को दी.
नशा उतरा तो समझौता करने को राजी करने लगे
सुबह जंगल में आग की तरह इस खबर की जानकारी जब पत्रकार जगत को हुई तो पत्रकारों में भारी आक्रोश था. सभी पत्रकारों ने पीड़ित पत्रकार विजय वर्मा को लेकर उच्चाधिकारियों से भेंट की और कपड़े उतारकर उनकी पीठ पर पुलिस की बर्बरता के निशान दिखाये. जिस पर उच्चाधिकारी भी बर्बरता की हद को समझ सके. बताते हैं कि घटना की तहरीर मुकदमे के रूप में दर्ज करने के लिए जब कोतवाली नगर जाया गया तो वहां मौजूद अफसर सुलह-समझौते की बात करते रहे. इसको सम्मान और सुरक्षा से जुड़ा विषय बताकर किसी भी कीमत पर समझौता करने की मनाही कर दी. जिस पर उच्चाधिकारियों के हस्तक्षेप से दोपहर बाद मुकदमा अपराध सं0-594/17 के अंतर्गत धारा- 147, 323, 504 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज हुआ. इस मुकदमे में मेडिकल रिपोर्ट के बाद धारायें बढ़ सकती हैं. मुकदमा दर्ज होते ही आरोपी दरोगा यदुवीर सिंह यादव और पांच सिपाहियों को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया.
सीएम योगी से की शिकायत
घटना की जानकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी दी गयी और मानवाधिकार आयोग को भी अवगत कराया गया है. पीड़ित पत्रकार विजय वर्मा हिन्दी-अंग्रेजी और लखनऊ-आगरा से प्रकाशित आधा दर्जन अखबारों के स्थानीय स्तर पर स्टाफ रिपोर्टर हैं और साप्ताहिक रहस्य संदेश के जिला प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त हैं.