नई दिल्लीः जिलों में लीक से हटकर काम करने के लिए हमेशा शासन से शाबासी पाने वालीं यूपी की आईएएस डीएम शुभ्रा सक्सेना ने विधानसभा चुनाव में भी अनूठा काम कर दिखाया। अमरोहा जैसे जिले में मतदान के लिए गजब की जागरूकता पैदा की। कई दिन सुबह-शाम स्कूटी लेकर जागरूकता रैलियां निकालीं। प्रशासनिक अमले के साथ कस्बों से लेकर गांव तक पहुंचीं। लोगों को उनके एक वोट की कीमत समझाकर हर हाल में मतदान के लिए राजी किया। नतीजा रहा कि जब दूसरे चरण का मतदान हुआ तो अमरोहा ने यूपी में सबको पीछे छोड़ दिया। रिकॉर्ड 72 प्रतिशत मतदान हुआ। जबकि पहले और दूसरे चरण के बाकी जिलों में 70 फीसदी से कम मतदान हुआ। हालांकि पिछले चुनाव की तुलना में इस बार सभी जिलों में औसतन पांच प्रतिशत मतदान में इजाफा हुआ है। यूपी में शुभ्रा सक्सेना उन आईआईएस में शुमार हैं, जो कि हमेशा अपने तैनाती वाले जिलों में इनोवेशन के लिए चर्चा में रहते हैं। शाहजहांपुर में प्राथमिक शिक्षा के सुधार सहित कई प्रोग्राम चलाने को लेकर शुभ्रा सुर्खियों में रहीं।
महिलाओं ने पुरुषों को पीछे छोड़ दिया
डीएम शुभ्रा सक्सेना ने रिकॉर्ड मतदान पर खुशी जाहिर की। कहा कि यह बताते हुए और खुशी हो रही है कि जिले की महिलाओं ने वोटिंग में पुरुषों को पीछे छोड़ दिया। महिलाओं ने जहां 73.94 प्रतिशत मतदान किया वहीं पुरुषों ने 70.99। जिले का औसत मतदान 72.28 प्रतिशत रहा। नौगांव विधानसभा में 77 प्रतिशत महिलाओं ने मताधिकार का प्रयोग किया। इसी तरह धनौरा, , अमरोहा, हसनपुर में भी जमकर मतदान हुआ।
शुभ्रा का मॉडल आयोग ने अपनाया
पोलिंग पार्टियों की रवानगी से लेकर ईवीएम जमा करने की व्यवस्था को सुचारु और आसान करने के लिए शुभ्रा सक्सेना ने मॉडल प्लान तैयार किया था। इसमें एक हेल्प डेस्क से सभी मतदान कार्मिकों को हर जानकारी मिलने की व्यवस्था रही तो ईवीएम मशीन सहित सभी चुनाव सामग्री के लिए अलग-अलग काउंटर खोले गए। जहां एलईडी स्क्रीन पर टोकन नंबर की व्यवस्था रखी गई। ताकि पोलिंग पार्टियां बिना धक्का-मुक्की के निर्वाचन सामग्री प्राप्त कर सकें। यह मॉडल आयोग ने अपनाते हुए सभी जिलों को लागू करने को कहा।
आईआईटियन शुभ्रा सक्सेना रहीं हैं आईएएस टॉपर
शुभ्रा सक्सेना अपने आप में एक मिसाल हैं। आईआईटी रुड़की से बीटेक करने के बाद शुभ्रा सक्सेना को मल्टीनेशनल कंपनी में मोटे पैकेज पर जॉब मिल गई। मगर शुभ्रा को लगा कि इंजीनियर होने के बाद भी जिंदगी में कुछ मिस कर रहीं हैं। फिर अचाकन से प्रशासनिक अफसर बनने का ख्याल आया। इस बीच शुभ्रा की शादी हो गई। नौकरी और शादी के बाद घर-गृहस्थी बस जाने के बाद भी शुभ्रा सक्सेना ने अपने अंदर के स्टूडेंट की भावना खत्म नहीं होने दी। फिर से सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुट गईं। 2009 में शुभ्रा ने कमाल कर दिया। जब परीक्षा परिणाम आया तो शुभ्रा ने पूरे देश में टॉप कर दिया।
पहले चरण की पोलिंग का हाल
हापुड़: 69.8%
आगरा: 63.94%
एटा: 68%
अलीगढ: 65%
हाथरस: 61%
गाजियाबाद: 57%
मथुरा: 68.30%
मेरठ: 65%
शामली: 62%
बुलंदशहर: 64%
फिरोजाबाद: 61%
कासगंज: 64%
बागपत: 65%
नोएडा: 60%
मुजफ्फरनगर: 65%
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दूसरा चरण अमरोहा-72.28 %
बिजनौर: 72.28.00%
मुरादाबाद: 64.30%
सहारनपुर: 71.00%
शाहजहांपुर: 59.47%
बरेली: 62.17%
रामपुर: 61.5%
लखीमपुर: 62.25%
पीलीभीत: 65.62%
अमरोहा: 69.00%
संभल: 65.00%
बदायूं: 60.00%