नई दिल्ली / रांची : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाने वाले उद्योगपति गौतम अडानी को जमीन देने के लिए केंद्र सरकार मदद की थी. केंद्र सरकार ने भी इस मामले में बीजेपी शासित राज्य झारखंड को कोऑपरेट करने को कहा है. इस बाबत केंद्र ने झारखण्ड सरकार को एक चिट्ठी भी भेजी है. केंद्र ने राज्य सरकार को अडाणी के पॉवर प्लांट प्रोजेक्ट में अपने लेवल से मदद करने को कहा है. लेकिन सरकार अभी तक जमिन अधिग्रहण कर अडानी को नहीं दे पाई है जिसकी वजह से अडानी नाराज हो गए हैं.
अडानी को जमीन का इंतजार
झारखंड के गोड्डा में पावर प्लॅाट स्थापित करने की कोशिशों में जुटी अडानी ग्रुप की मंशा वर्ष 2020 तक इस प्लांट के उत्पादन शुरु करने की है. कंपनी ने प्लांट को धरातल पर उतारने के लिए राज्य सरकार के सहयोग की अपेक्षा की है. अडानी ग्रुप में गोड्डा में जमिन अधिग्रहण के लिए जन सुनाई पूरी कर गेंद अब राज्य सरकार के पाले में डाल दी है. अडानी पावर लिमिटेड के कॅारपोरेट अपेयर्स के प्रमुख अमतांशु प्रसाद के अनुसार कपंनी सरकार के निर्णय का जुलाई तक इंतजार करेगी. इस दौरान यदी जमीन अधिग्रहण की बाधा बरकरार रहती है तो अडाणी ग्रुप अन्य विकल्पों पर भी विचार कर सकता है. अडानी पावर झारखंड के गोड्डा में 1600 मेगावाट का पावर प्लांट लगाया जाना है, जिसकी बिजली बांग्लादेश को सप्लाई की जायेगी, वहीं 400 मेगावाट बिजली झारखंड को दी जायेगी.
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वीडियो कर्टसी : newslaundry
दरसल इस प्रोजेक्ट को लेकर झारखण्ड विधानसभा के बजट सत्र में विपक्षी दलों ने जमकर बवाल काटा था. इस मामले में कई दिनों तक सदन की कार्रवाई भी बाधित की गयी थी. विपक्ष का आरोप था की राज्य सरकार अडाणी समूह के प्लांट के लिए उस इलाके की जमीन जानबूझकर कम कर रही है ताकि कम कीमत पर औद्योगिक समूह को जमीन मिल सके.
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