अलीगढ : कॉलेज और यूनिवर्सिटीज में होने वाले छात्रसंघ के चुनावों के लिए बनी लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों को पहली बार अलीगढ मुस्लिम विद्यालय सख्ती से लागू करने जा रहा है। एएमयू के कुलपति जमीर उद्दीन शाह ने चुनाव लड़ने वाले सभी उम्मीदवारों को बुलाकर कहा कि लिंगदोह कमेटी की गाईडलाइन का किसी भी तरह उल्लंघन नहीं होना चाहिए। बता दें कि कुलपति जमीर उद्दीन शाह जाने माने बॉलीवुड अभिनेता नसीरूदीन शाह के भाई है, उन्होंने कहा है कि बाइक रैली, पोस्टर का इस्तेमाल, सीमा से अधिक धन खर्च करने और दीवारों पर लिखने जैसी घटनाओं में पकड़े जाने वाले नेताओं का नामांकन रद्द किया जायेगा।
बता दें कि बीते कई समय से विश्वविद्यालयों में होने वाले छात्र संघ के चुनावों में लिंगदोह कमेटी की खुलेआम धाज्जियाँ उड़ाई जाती रही हैं। कई विश्वद्यालयों में छात्र संगठनों ने लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का खुलेआम विरोध भी किया। लिंगदोह की सिफारिशों के बाद उन छात्र संगठनों और छात्र नेताओं के लिए मुश्किल हो गया था जो बड़ी संख्या में धन खर्च करते थे। राजनीति क पार्टियों की राह पर यूनिवर्सिटीज में भी चुनाव हो रहे थे। इस साल डीयू में हुए छात्र संघ के चुनावों में ही लिंगदोह की गाइडलाइन के उल्लंघन की कई घटनाएं सामने आयी थी।
क्या है लिंगदोह कमेटी की सिफारिशें ?
विश्वविद्यालय स्तर पर होने वाले छात्रसंघ के चुनावों में बड़ी संख्या पर धन का प्रवाह और राजनीतिक दलों की भागीदारी के बाद लिंगदोह कमेटी बनाई गई थी। कमेटी का कहना था कि कोई भी उम्मीदवार को छपे हुए पोस्टर्स या किसी अन्य छपी हुई सामग्री का प्रचार के लिए इस्तेमाल नहीं करेगा। इसमें कहा गया था कि उम्मीदवार कॉलेज के बाहर रैलियां, जनसभा या प्रचार सामग्री वितरित नहीं कर सकते।
लिंगदोह ने अपनी शिफारिशों में कहा था कि प्रचार में लाउड स्पीकर, वाहनों का उपयोग नहीं किया जाये। लिंगदोह कमेटी ने कहा था कि छात्रसंघ चुनाव में एक कैंडिडेट तय सीमा 5000 के अंतर्गत खर्च करे। चुनाव परिणाम घोषित होने के दो दिन बाद कैंडिडेट का खर्च का ब्यौरा कॉलेज या यूनिवर्सिटी प्रशासन को देना होगा। निर्धारित व्यय सीमा से अधिक खर्च किए जाने पर उम्मीदवारी रद्द की जा सकती है। इसमें कहा गया था कि राजनैतिक दलों से रुपयों का छात्र संगठनों द्वारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।