नई दिल्लीः यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा सीबीआइ को भी हथियार बना सकती है। यूपी में मायावती के भाई आनंद से लेकर मुलायम कुनबे और सपा-बसपा सरकार के करीबी अफसरों के खिलाफ ठंडी पड़ी जांच को तेज कराने की तैयारी है। इसके लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी सीबीआई की जांच-पड़तालों की समीक्षा करनी शुरू कर दी है। करीबी नेता ने बताया कि शाह ने सीबीआई मुखिया अनिल सिन्हा से पूछा है कि-आखिर यूपी में सपा-बसपा राज में हुए घपले-घोटालों की जांचें ठंडी क्यों पड़ गईं। मुलायम-रामगोपाल हों या फिर अफसरों में नवनीत सहगल तक। सभी के खिलाफ जांच में तेजी लगाकर एक्शन लिया जाए।
बड़ी मछलियां नापने से ही चलेगा काम
सूत्र बता रहे हैं कि अमित शाह ने इंजीनियर यादव सिंह मामले में हुई कार्रवाई पर पहले बातचीत की। कुछ दस्तावेजों से पता चला था कि मुलायम के भाई प्रो. रामगोपाल के कहने पर तमाम लोगों को यादव सिंह ने ठेके दिए। यादव ने चीफ इंजीनियर की कुर्सी तक पहुंचने में रामगोपाल की मदद ली। मगर इस मामले में छापेमारी और सुबूत जुटाने के अलावा कुछ नहीं हो सका है। मुलायम कुनबे के खिलाफ खनन घोटाले से लेकर और भी तमाम मामलों में संलिप्तता की बात सामने आ रही है। मगर सीबीआई अब तक गिरेबान पर हाथ नहीं डाल सकी है।
सपा-बसपा सरकार के करीबी अफसरों पर भी एक्शन को कहा
चाहे सपा सरकार हो या बसपा। हुकूमत किसी की भी हो, चलेगी सीनियर आईएएस नवनीत सहगल की ही। सहगल के खिलाफ भी सीबीआई जांच चल रही है। शाह के करीबियों के मुताबिक मायावती-मुलायम कुनबे के अलावा अमित शाह ने करीबी अफसरों पर भी चाबुक चलाने को कहा है।
चुनावी मौसम में लाभ उठाने की कोशिश
अमित शाह की ओर से सीबीआई पर जांच में तेजी लाकर एक्शन लेने का दबाव डालने के पीछे सियासी लाभ उठाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा। ताकि विरोधी दलों के नेताओं पर किसी मामले में कार्रवाई हो तो जनता में संबंधित पार्टी की छवि पर बुरा असर पड़ा। जिससे भाजपा के आरोपों में दम आए। हालांकि शाह के करीबी इस पहल को भ्रष्टाचार के खिलाफ जरूरी कार्रवाई से जोड़ते हैं न कि सियासी लाभ उठाने की कोशिश के तौर पर
इन मामलों की जांच तेज होगी
एक लाख करोड़ का खनन घोटाला
मुलायम-मायावती कुनबे की संपत्ति
यादव सिंह से रामगोपाल कनेक्शन
सतीश मिश्रा की संपत्ति
भ्रष्ट अफसरों की आय से अधिक संपत्ति