नई दिल्लीः भागलपुर जेल से बाहर आते ही पूर्व बाहुबली सांसद शहाबुद्दीन ने बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार पर जहां निशाना साधा, वहीं गुरु लालू यादव की शान में कसीदे गढ़े। शहाबुद्दीन ने कहा कि नितीश को परिस्थितियों ने मुख्यमंत्री बना दिया है। वे महागठबंधन के नेता और मुख्यमंत्री हैं, मगर मेरे नेता नहीं हैं। मैने न कभी नितीश के नेतृत्व में काम किया है, न कर रहा हूं, न करूंगा। मेरे नेता लालू प्रसाद यादव हैं। उनके साथ 27 साल से काम कर रहा हूं। जब तक वे जिंदा रहेगे, मेरे नेता रहेंगे।
नहीं बदलूंगा अपनी इमेज
सीवान के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन ने बाहुबली इमेज बदलने के सवाल पर कहा कि-लोगों ने पिछले 26 साल से इसी तरह स्वीकार किया है। मैं अपनी इमेज क्यों बदलूं। बाहुबली सिर्फ एक-दो लोग मुझे कहते हैं। बाकी कोई मुझसे डरा नहीं है। शहाबुद्दीन ने खुद को गलत ढंग से फंसाने का आरोप लगाया।
सगे भाईयों को तेजाब में डुबोकर मार डालने के केस में शहाबुद्दीन को हुई थी जेल
दरअसल 16 अगस्त 2004 को सीवान के गोशाला रोड रहने वाले कारोबारी चंदा बाबू के बेटों सतीश और गिरीश का शहाबुद्दीन के गुर्गों ने अपहरण कर लिया था। बड़े भाई राजीव रोशन ने शहाबुद्दीन की मौजूदगी में दोनों भाईयों को तेजाब में डुबोकर मारने की गवाही दी थी। हाई कोर्ट के आदेश पर केस की सुनवाई शुरू हुई। 2005 से शहाबुद्दीन जेल में रहा। 16 जून 2014 को गवाह राजीव की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जिसमें शहाबुद्दीन के साथ उसके बेटे ओसामा की हत्या कर दी थी। गवाह के अभाव में रिहाई आसान हो गई।