दिल्ली : 44 वर्षीय शहीद हवलदार अशोक कुमार सिंह के 78 वर्षीय पिता जगनारायण सिंह सरकार से काफी नाराज हैं. उनका मानना है कि केंद्र सरकार आतंकवाद से निपटने के लिए पर्याप्त कार्रवाई नहीं कर रही है.
जगनारायण कहते हैं, “ये वही सरकार है जो पांच भारतीय सैनिकों के सिर काटने के बदले 10 पाकिस्तानी सैनिकों का सिर काटने की बात करती थी.”
27 वर्षीय लांस नायक चंद्रकांत गलांदे के दो और भाई सेना में हैं. चंद्रकांत के पिता शंकर गलांदे कहते हैं कि जब वो आतंकी हमलों में नौजवानों सैनिकों के मारे जाने की खबर सुनते थे तो अपने बेटों को वापस बुला लेन के बारे में सोचते थे.
शंकर कहते हैं, “मुझे हमेशा लगता था कि मैं अपने तीनों बेटों को वापस बुला लूं. लेकिन उसके बाद मैं लोगों को क्या जवाब दूंगा, कि मैं भी इसी धरती का रहने वाला हूं. लेकिन क्या अपने दो बेटों को सुरक्षित देखने की अभिलाषा रखना गलत है? क्या सरकार ये सुनिश्चित करेगी कि हमारे बेटे इस तरह न मारे जाएं?”
उत्तर प्रदेश के जौनपुर निवासी 33 वर्षीय सिपाही राकेश सिंह के घरवालों ने सरकार के जवाबी कार्रवाई न करने तक भूख हड़ताल की बात कही है. राकेश के भाई हरहंगी सिंह ने कहा ”हम एक निवाला भी नहीं खाएंगे जब तक कि हमें केंद्र सरकार के कड़े कदम की सूचना नहीं मिल जाती. यदि जरूरत पड़ी तो हम पटना और दिल्ली में प्रदर्शन भी करेंगे. हमने परिवार का सितारा खो दिया. राकेश हमेशा से वर्दी पहनना चाहता था. बाकी लोगों के लिए वह एक अन्य सिपाही होगा लेकिन एक भाई को खोने का मतलब क्या होता है, यह हमें पता है.”