हर महीने में प्रदोष व्रत दो बार आता है. एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में. साल के पहले महीने जनवरी में इस बार पहला प्रदोष व्रत है. इसलिये इसे शनि प्रदोष भी कहा जाता है. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शंकर और उनके परिवार की पूजा की जाती है. प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि पर आता है. 12 महीने में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं. ऐसी मान्यता है कि जो जातक हर महीने प्रदोष व्रत रखते हैं, उन पर भगवान शंकर की विशेष कृपा प्राप्त होती है और मृत्यु के बाद उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है. ऐसा कहा जाता है कि प्रदोष व्रत रखने वाले जातक अगर प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करते हैं तो इसका विशेष महत्व होता है और उन्हें विशेष फल प्राप्त होता है. जानिये प्रदोष व्रत के दिन पूजन का शुभ मुहूर्त क्या है और इस दिन किस विधि से भगवान शिव व उनके परिवार की पूजा होती है
शनिवार को तिथ पडने की वजह से इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाएगा. इस बार साल का पहला प्रदोष व्रत (शनि प्रदोष व्रत)
प्रदोष व्रत का महत् : -
सोमवार के दिन भगवान शिव के भक्तों के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण दिनों में से एक है. वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत को करने से भगवान शिव भक्तों की सभी इच्छाओं को पूरा करते हैं. साथ ही उनके दुखों को दूर करते हैं. इस व्रत को करने से परिवार में स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि तीनों का विकास होता है. साथ ही लोग निरोगी जीवन प्राप्त करते हैं.