नई दिल्लीः पहले बोलते थे कि साहब टॉयलेट नहीं है , जब टॉयलेट बन गया तो फिर भी बाहर जाने की आदत नहीं छूटी। साफ-सफाई और बीमारियों को लेकर इस हद तक जागरूकता का अभाव देख राजस्थान के इस कलेक्टर ने अभिनव पहल की। कह दिया कि जो शौचालय का प्रयोग करेगा, उसे ढाई हजार रुपये मिलेंगे। बस फिर क्या था कि बाड़मेर जिले के गांवों के लोग बाहर जाना बंद कर टॉयलेट में शौच करने लगे। यह पहल करने वाले डीएम का नाम है सुधीर कुमार । प्रोत्साहन धनराशि बांटने में डीएम ने केयर्न इंडिया रूरल डेवलपमेंट आर्गनाइजेशन का सहयोग लिया है। बाड़मेर जिले की बायतू और गिड़ा पंचायत समिति के करीब 15 हजार परिवारों को प्रोत्साहन राशि से लाभांवित किया जाएगा। डीएम का कहना है कि एक बार जब शौचालय में जाने की
आदत पड़ जाती है तो व्यक्ति बाहर जाना भूल जाता है। इस नाते यह पहल करनी पड़ी।
बंटना शुरू हुआ इनाम
पहली बार शौचालय प्रयोग करने वाले कुल आठ परिवारों को इस नई योजना का लाभ मिला है। डीएम सुधीर कुमार ने आठ लाभार्थियों को चेक बांटकर शौचालय प्रयोग को प्रेरित करने वाली योजना का शुभारंभ किया। शौचालय बनवाने में लगे संगठन केयर्न इंडिया और आरडीओ की टीम सभी नवनिर्मित शौचालयों की मानीटरिंग करती है। देखा जाता है कि शौचालयों का प्रयोग हो रहा है या नहीं। शौचालयों की स्थिति का जायजा लेकर कुछ कागजी औपचारिकता पूरी करने के बाद लाभार्थियों को 2500 रूपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।