मध्य प्रदेश- कर्ज के बोझ में दबे किसानों को खुदकुशी करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं नजर आता। एक बार खुदकुशी कर जान देने का मामला सामने आया है। घटना है टीकमगढ़ और छतरपुर की जहां दो किसानों ने मौत को गले लगा लिया।
खेत में फांसी लगा दी जान मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ के अहिरबार ने खेत में फांसी लगाकर जान दे दी। कहा जा रहा है कि अहिरबार के ऊपर करीब चालीस हजार का कर्ज था।
छतरपुर में भी किसान ने लगा ली फांसी
छतरपुर जिले के 36 साल के भैयालाल कुशवाहा ने भी कर्ज के दवाब में आकर फांसी लगाकर जान दे दी। जानकारी के अनुसार भैयालाल पहले खेत में बटाई का काम करते थे। लेकिन खेती में भारी नुकसान होने के कारण वह कर्जे में डूब गए। परिवार के लोगों की मानें तो वह आर्थिक तंगी के कारण परेशान थे।
शव को ले जाया गया ठेले पर
किसान की गरीबी का अंदाजा शायद इस बात से ही लगाया जा सकता है कि उसके शव को ठेले पर जाया गया। आर्थिक तंगी से परेशान भैयालाल पर बच्चों की पढ़ाई का भी दवाब था। गौरतलब है कि 6 जून को हुए मंदसौर गोलीकांड के बाद मध्य प्रदेश में कर्ज से दबे 25 किसान खुदखुशी कर चुके हैं। जबकि सरकार ने एक आयोग का गढन किया है जो फसल की लागत और ब्रिकी की सिफारिशें देगा। लेकिन आज भी यह बड़ा सवाल बना हुआ है कि सरकार किसानों की समस्या का हल कब निकालेगी।