shabd-logo

श्रवण को पडा थप्पड़ -12

13 मई 2023

7 बार देखा गया 7






श्रवण वापस से उस लडकी की ओर देखकर खुद से बोला " जिसके बारे में जानना है उसी से डायरेक्ट पूंछ लेता हूं न । " इतना कहकर श्रवण उस लडकी की ओर कदम बढ़ाने लगा । वर्कर्स वहां से जा चुके थे और वो लडकी अपनी फाइल्स को टटोल रही थी । श्रवण उसके बेहद करीब पहुंच चुका था । इतना करीब की जमीन को छू रहा उस लडकी का दुपट्टा श्रवण के पैरों के नीचे कब चला आया उसे पता ही नहीं चला । वो लडकी जैसे ही पलटी खिंचाव की वजह से वो दुपट्टा जमीन पर जा गिरा । साथ ही श्रवण से टकराने की वजह से वो नीचे गिरने लगी । इसने घबराकर श्रवण की शर्ट को अपनी मुट्ठियों में भींच लिया । श्रवण ने उसे संभालने के लिए अपना एक हाथ उसकी कमर पर रखा हुआ था और दूसरे हाथ से उसकी बाह पकडी हुई थी । उस लडकी का चश्मा सरककर आंखों से थोडा से नीचे यानी की नाक पर जा टिका था । उसकी झिलमिलाती पलके श्रवण को एकटक उसकी ओर देखने के लिए मजबूर करने लगी । श्रवण अपने मन में बोला " फिगर ख़राब नही है । थोडा सा लुक चेंज कर ले तो बहन जी टाइप की कैटिगरी से बाहर निकल सकती है । 

श्रवण का एकटक उसे घूरना उस लडकी को बिल्कुल पसंद नही आया  । उसकी नज़र अपने दुपट्टे पर गई जो श्रवण के कदमों के नीचे था । वो खुद को संभालते हुए श्रवण से दो कदम दूर हुई और एक झन्नाटेदार थप्पड़ उसके गालों पर जड़ते हुए बोली " बदतमीज ....... " 

थप्पड़ काफी जोरदार था जिससे श्रवण की गर्दन दाई और झुक गई । वो अपना हाथ गालों पर रख सदमे में जा पहुंचा । वही वो लडकी नीचे झुकी और अपना दुपट्टा उसके पैरो से निकालते हुए बोली " हटाओ अपने पैर । " 

श्रवण ने अपने पैर साइड कर लिए । उस लड़की ने अपना दुपट्टा ओंढा और जमीन पर गिरी अपनी फाइलों को उठाने लगी । 

" तुमने मुझे थप्पड़ मारा " श्रवण अपने गालों पर हाथ रख उसे देखते हुए बोला  । वो लडकी अपनी फाइलें उठाते हुए खडी हुई और एक दूसरा थप्पड़ उसके दूसरे गाल पर जड दिया । 

" अब तुम मुझसे यही सवाल दोबारा नही पूछोगे । " उस लडकी ने इतना कहा तो श्रवण अपने दोनों गालों पर हाथ रख हैरानी से उससे बोला " तुम ये प्रसाद मुझे किस खुशी में चढा रही हो देवी जी । " 

" तुम्हारी ही पूजा का प्रसाद है । तुम जैसे लड़कों की यही आदत है लड़कियां देखी नही की बस अपनी छिछोरों वाली हरकतें शुरू कर देते हो । " उस लडकी ने जवाब दिया ।

" इसने तो मुझे बडी जल्दी पहचान लिया । " श्रवण ये मन में सोच ही रहा था की तभी उसे ध्यान आया कि उस लडकी ने अभी अभी उसे दो थप्पड़ मारे है और उसने चुपचाप खा भी लिए । श्रवण ने अपने गालों पर से अपने दोनों हाथ हकाए और गुस्से से बोला " क्या कहा तुमने छिछोरों वाली हरकतें । ....... ओ मैडम ऐसा तो मैंने कुछ किया भी नही जब करूगा तब क्या बोलोगी ? और वैसे भी तुम जैसी बहन जी टाइप को कोई देखे भी न । " 

" वो मैंने अभी थोडी देर पहले ही देख लिया कौन मुझे किस नज़र से देख रहा था । आगे से मुझे नज़र मत आ जाना वरना आज गालो पर दो थप्पड़ जड़े है । अगली बार चाकू पेट के अंदर डालकर सारा नक्शा बिगाड़ दूगी । " ये कहते हुए उस लडकी ने अपना चश्मा ठीक किया और गुस्से से पैर पटकते हुए वहां से चली गई । 

श्रवण अभी भी यहां हैरान खडा उसकी धमकियों के बारे में सोच रहा था । " ये लडकी मेरे ही मूंह पर मेरी बेइज्जती करके चली गई आखिर कौन थी मैं इसे छोडूगा नही । " श्रवण ये सब मन में सोच ही रहा था कि तभी रूद्र ने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा " क्या बात है श्रवण भाई सा ? किसके बारे में सोच रहे है आप ? " 

श्रवण की नजरें अभी भी उस जाती हुई लडकी पर थी । उसने बिना रूद्र की ओर देखे पूछा " वो लडकी कौन है ? " रूद्र सामने की ओर देखकर बोला " अरे वो ....... वो तो वसुंधरा जी है यहा की अकाउंटेंट । बेहद ही सिंपल और इनोसेंट टाइट । " 

" कितनी इनोसेंट है वो तो मैंने अभी अभी देखा । " श्रवण ने कहा तो रूद्र नासमझी से बोला " क्या कहा आपने अभी ? " 

" कुछ नही काका सा के पास चलते है रूहान भी वही होगा । " श्रवण ने कहा तो रूद्र ने हां में सिर हिला दिया और दोनों ऊपर की ओर चले आए । यहा रूहान बाकी सबसे मिल चुका था । उसने विजय जी की ओर देखकर कहा " चले काका सा ...... । " 

" हां चलो " ....... विजय जी ने कहा और दोनों आगे बढ गए । उन्हें सामने से आते रूद्र और श्रवण दिखाई दिये । वो चारो वापस नीचे चले आए । रूहान ने श्रवण का हाथ पकड़कर रोक लिया । 

" क्या हुआ ..... ? " श्रवण ने पूछा तो रूहान बोला " ये सवाल तो मुझे मुझसे करना चाहिए । " श्रवण नासमझी से उसकी ओर देखने लगा तो रूहान उसका छूकर बोला " तेरे गालों पर ये उंगलियों के निशान किसके है । किसने तुझे ये प्रसाद दिया । " श्रवण उसका हाथ हटाते हुए बोला " किसी ने नही ........ वो यहा मच्छर बहुत है न इसलिए मेरी उंगलियों के निशान मेरे गालों पर चले आए । " श्रवण ने इतना कहा ही था कि तभी उसे किसी की हंसने की आवाजें सुनाई दी । रूहान और श्रवण दोनों ने ऊपर की ओर देखा तो वहां वसुंधरा खडी थी । उन दोनों को अपनी ओर देखते हुए वसुंधरा ने जब पाया तो अपनी हंसी रोकते हुए बोली " सॉरी " ........ इतना कहकर वो अपना चश्मा संभालते हुए वहां से तेज कदमों के साथ निकल गई । श्रवण गुस्से से उसे ही घूर रहा था । रूहान श्रवण की ओर देखकर बोला " अब चले वरना और मच्छर आ गए तो चेहरे का हूलिया और भी ज्यादा बिगड़ जाएगा । " इतना कहकर रूहान आगे बढ गया और श्रवण भी उसके पीछे चल दिया । दोनों बाहर आए तो गार्ड ने आकर उनके लिए गाडी का दरवाजा खोला । आगे वाली गाडी में रूद्र और विजय जी बैठे हुए थे और पीछे वाली गाडी में रूहान और श्रवण । उनकी गाडी के पीछे और भी दो गाड़ियां थी । उनका काफिला निकला और आगे बढा । कुछ दूरी पर रास्ता रेत के टीलों के बीच से होकर गुज़रा । दोपहर का वक्त और सूरज की प्रचंड गर्मी । इसके साथ ही रेत के कण उडाती हवाए । राजस्थान का बेहद ही लुभावना दृश्य होता है ये । 

ड्राइवर ने अचानक से गाड़ी रोकी । उनके रोकते ही सामने से आ रही गाडी यो ने भी ब्रेक लगाया । दोनों ही ओर से गाड़ीयों का दरवाजा खुला । एक ओर से विजय जी और रूद्र बाहर आए , ठीक उनके पीछे रूहान और श्रवण भी बाहर आए । 

यहां दूसरी तरफ गाडी से दो आदमी बाहर आए । ये है श्रीधर सिंह रावत और उनका बेटा अनुप सिंह रावत  । इन्हें विजय जी के दुश्मनों में नंबर वन पर माना जाता है । रावत साहब मुस्कुराते हुए बोला " अहो भाग्य हमारे जो आज हुकुम सा के दर्शन हो गए । " 

" इस तरह रास्ता रोकने का क्या मतलब है रावत ? " विजय जी ने कहा तो रावत साहब बोले " हुकुम सा थम के बोले हो । रास्ता  तो थमने मारा रोक रका से । मै थारे रास्ता में न आया , हा लेकिन थम जरूर मारे रास्ते में आ गए । " 

" कौन किसके रास्ते में आया है ये आने वाला वक्त बताएगा । " विजय जी कह ही रहे थे कि तभी रूहान उनके पास आकर बोला " काका सा कौन है ये ? " विजय जी इससे पहले रूहान से कुछ कहते रावत साहब ने कहा " अच्छा तो जे है रूहान सिंह शेखावत शेखावत परिवार का वारिस जिसे थम हुकुम बा बनाना चाहते हो । बहुत खूब खाली शेखावत परिवार का खून बन जाने से हुकुम सा का पद हासिल नहीं होता । जो को पाने के लिए जिगर और हिम्मत दोनों चाहिए । " 

" रहने दो बाबा सा ये परिवार तो उसे बहुत पहले ही खो चका है । बाकी कसर हम पूरी कर देंगे । " अनुप ने कहा तो रावत साहब मुस्कुराने लगे । उनकी बातें सुनकर रूहान ने गुस्से से अपनी मुट्ठियां भींच ली । इससे पहले वो अपने कदम आगे बढाता विजय जी ने उसका हाथ पकड़ रोक लिया । रूहान ने उनकी ओर देखा तो विजय जी ने आंखों के इशारे से उसे शांत रहने के लिए कहा । 

रावत साहब आगे बोला " लगता है छोरे ने गुस्सा आ गयो । जे ठंडा खून से हुकुम सा राजस्थान का शेर न । वक्त की गलतफहमी थ्हारे को है वो भी वक्त रहते दूर हो जावेगी । " रावत साहब कह ही रहे थे की तभी अनुप ने आकर कहा " बाबा सा हमें देर हो रही है चलना चाहिए । " रावत साहब विजय जी की ओर देखकर बोले " अभी तो म्हारे को जाना पडेगा हुकुम सा । कभी हमारी हवेली पर आईए इतमिनान से बाते करेंगे और शेखावत परिवार के इस चिराग को भी लेकर आइएगा । " इतना कहकर रावत साहब अपनी गाडी में आकर बैठ गए । उनके आदमी भी गाड़ियों में आकर बैठ गए । उन लोगों के जाते ही रूहान ने विजय जी की ओर देखकर पूछा " काका सा वो हमारे मूंह के सामने ही हमें इतना कुछ सुनाकर चला गया और आपने मुझे उन्हें जवाब देने से क्यों रोका ? आखिर कौन था ये बदतमीज इंसान ? " 

" बेटा गाडी में बैठिए हम आपको सब बताते है । रूद्र आप श्रवण के साथ दूसरी गाड़ी में आ जाइए । " इतना कहकर विजय जी और रूहान आगे वाली गाडी में चले आए और रूद्र श्रवण के साथ पीछे वाली गाडी में । 

अंदर बैठते ही विजय जी ने ड्राइवर से गाडी स्टार्ट करने के लिए कहा । रूहान अभी भी विजय जी के कुछ बोलने का इंतजार कर रहा था । विजय जी रूहान की ओर देखकर बोले " बेटा ये श्रीधर सिंह रावत थे और उनके साथ उनका बेटा अनुप सिंह रावत । ये हमारे वो दुश्मन है जो सब जगह हमारे परिवार को नीचा दिखाने का काम करते है । इन्हें जब मौका मिले ये हम पर वार करने से पीछे नहीं हटेंगे । आगे आप यहां रहेंगे तो धीरे धीरे इन्हें अच्छे से समझ जाएंगे । " 

रूहान सामने की ओर देखकर बोला " मतलब ये वो सांप है जो कभी भी हमें ढस सकते है । " 

" कुछ ऐसा ही समझ लीजिए बेटा । " विजय जी ने कहा तो रूहान आगे कुछ नहीं बोला । 

पीछे गाडी में श्रवण और रूद्र बैठे हुए थे । श्रवण ने रूद्र की ओर देखकर कहा " कौन थे ये दोनों नमूने ? " 

" बस यूं समझ लीजिए श्रवण भाई सा इनकी गिनती हमारे दुश्मनों में नंबर वन पर होती है । इनके बेटे को तो आप देख ही चुके है । एक नंबर का अय्याश किस्म का इंसान है । न तो बड़ों से बात करने की तमीज और न ही औरतो की कोई इज्जत करना जानता है । ये तो कुछ भी नहीं । एक नकचडी बेटी भी है । तमीज तो उसमें भी बिल्कुल नही  । खैर छोड़िए कहा हम इन लोगों की बातों में लग गए । " रूद्र ने कहा तो श्रवण हंसते हुए बोला " तुम्हें उनकी बेटी की बहुत जानकारी है कही दिल विल तो नहीं आ गया उसपर । " 

" ऐसा कुछ नहीं है भाई सा फिलहाल तो ऐसी कोई नज़र ही नहीं आई जो मेरी आंखों को भा जाए । जिसे देखने के बाद नजरे किसी और को देखने की जहमत ही न उठाए । " रूद्र कह ही रहा था कि तभी श्रवण उसे टोकते हुए बोला " बस कर मेरे भाई मुझसे ऐसे शब्द संभाले नही जाते । " श्रवण के ये कहने पर रूद्र मुस्कुराने लगा । 

*******************

श्रवन का बेहद ही करारा जवाब मिला । क्या लगता है वो इससे बाज आएगा ? 

आपको क्या लगता है रूद्र के लिए कोई ऐसी बनी है ? खैर जब आना होगाइ तब आ जाएगी । आगे क्या होता है कहानी में जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी नोवल

सागर से गहरा इश्क पियाजी

( अंजलि झा )

******************"


19
रचनाएँ
Sagar se gehra Ishq piyaji
0.0
रीत प्रताप सिंह जिसे शैतानी गुड़िया कहना गलत नहीं होगा । इन्हें अपनी मुस्कुराहट के पीछे छुपे गम की कोई परवाह नहीं लेकिन दूसरो को खुश रखना बखूबी जानती है । बरसात से इन्हें इतना प्यार है जिसकी कोई हद नहीं । ये आप खुद ब खुद पढ़ने के बाद जान जाएंगे । वही दूसरी ओर है रूहान सिंह शेखावत जिन्हें सिवाय बदले के और किसी का अर्थ मालूम नही । दो अलग जगह और एक दूसरे से जुदा ये लोग क्या इनकी किस्मत इन्हें पास लाएगी और लाती भी है तो क्या अंजाम दिखाएगी ये जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी नोवल " सागर से गहरा इश्क पियाजी " ! .....
1

बरसात की रीत -1

7 मई 2023
2
0
0

आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद के अंदर बसा एक खूबसूरत शहर विजयवाड़ा । इसकी बात ही कुछ और है । भारत का दूसरा सबसे बडा शहर भी कहां जाता है इसे । बस यही से शुरू होती है हमारी नई कहानी ' सागर से गहरा इश

2

इस बैरन छतरी को दूर रखिए मुझसे -2

7 मई 2023
1
0
0

रीत के कदम रुक गए और वो मूंह बनाते हुए मन में बोली " ये ऐसे नही मानने वाली । अभी बताती हूं इसे । " ये कहते हुए रीत विधी की ओर बढ गई । विधि ने उसे अपनी ओर आते देखा , तो अपने कदम पीछे लेते हुए बोली " नह

3

प्रतापगढ़ और हुकुम सा -3

7 मई 2023
0
0
0

अर्जुन हैरान होकर धीरे से बोला " कैसा प्रोमिस .....? " उसके ये कहते ही रीत उसे हैरानी से देखने लगी । उसने धीरे से कहा " मतलब आपको कुछ याद नहीं । आपने हमसे प्रोमिस किया था न एग्जाम खत्म होने के बाद आप

4

एक मुलाकात रूहान से -4

7 मई 2023
1
0
0

अबु धाबी इंटरनेशनल एयरपोर्ट , दोपहर का वक्तएक लडका जिसकी उम्र करीब चोबीस से पच्चीस साल के आस पास होगी । ब्लैक कलर के कोट पैंट में काफी डैशिंग नज़र आ रहा था । उसका औरा उसकी पर्सनेलिटी को अच्छे से डिस्क

5

बंधन बहुत कष्टदायक होता है -5

7 मई 2023
0
0
0

मंदिरा ने रूहान की ओर देखकर कहा " आई थिंक यूं आर इंडियन । खैर तुम जो भी हो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता । मुझे तुमसे प्यार हो गया है आई लव यू । " उसके ये कहते ही वहां खड़े गार्डस हैरानी से एक दूसरे का चेह

6

रीत पर अभय जी का गुस्सा -6

13 मई 2023
0
0
0

रीत सडक पर चलते हुए खुद से बोली " ये मैं कहा चली आई । मुझे तो यहां का रास्ता भी नही पता । न ही फोन है जिससे मदद के लिए बड़े भैया को कॉल करू । वो लोग जरूर मुझे लेकर परेशान हो रहे होंगे । " रीत ने अपनी

7

हमारी लाडो को सजा मत दीजिए -7

13 मई 2023
0
0
0

' ठीक है फिर आपकी सजा ये है कि आप दोनों आज रात भूखे सोएंगे और रीत भी । ' अभय जी ने ये कहा तो अश्वत्थ हैरान होकर बोला " काका सा लापरवाही हमारी है तो सजा हमें दीजिए रीत को नही । सिर्फ एक नही हम दस रातें

8

आपको शादी करनी होगी रूहान -8

13 मई 2023
0
0
0

अवंतिका ने आकर दरवाज़ा खोला , तो देखा बाहर रीत खडी थी । " लाड़ो आप इतनी रात को यहां क्या कर रही है ? " अवंतिका ने पूछा तो रीत बोली " भाभी क्या बडे भैया अंदर है ? " अवंतिका ने हां में सिर हिलाया और साइ

9

इंतकाम की आग -9

13 मई 2023
0
0
0

रूहान गुस्से से ये सब कहे जा रहा था तभी पीछे से किसी ने कहा " हमने इन्हें इजाजत दी है । " रूहान आवाज की ओर पलटा तो देखा देविका जी सफेद साडी पहने खड़ी थी । उन्हें इस लिवाज मे देखकर रूहान के दिल पर क्या

10

नफरत हैं रीत प्रताप सिंह मुझे तुमसे -10

13 मई 2023
0
0
0

माधव चिढते हुए बोला " तुम लोगो को मेरा मजाक उडाने मे बहुत मजा आ रहा है न , तो ठीक है उडाओ मै चला अपने घर । " इतना कहकर माधव जाने के लिए आगे बढ गया । उसे जाता देख रीत और विधी दोनों उसके पास आई और उसकी

11

श्रवण को पडा थप्पड़ -12

13 मई 2023
0
0
0

श्रवण वापस से उस लडकी की ओर देखकर खुद से बोला " जिसके बारे में जानना है उसी से डायरेक्ट पूंछ लेता हूं न । " इतना कहकर श्रवण उस लडकी की ओर कदम बढ़ाने लगा । वर्कर्स वहां से जा चुके थे और वो लडकी अपनी फा

12

रीत की मस्ती अर्जुन के साथ -13

13 मई 2023
0
0
0

रात का वक्त , रीत की हवेलीदेर रात सब अपने अपने कमरे में सो रहे थे । अर्जुन अपने कमरे की बालकनी में खडा किसी से फ़ोन पर बात कर रहा था । इसी बीच उसकी नज़र किसी शख्स पर पडी , जो रात के अंधेरे में गार्डस

13

रीत के लिए रिश्ता -14

13 मई 2023
0
0
0

प्रमाद जी अभय जी और देवेंद्र जी से मिल ही रहे थे , कि तभी शारदा जी वहा चली । प्रमाद जी ने उनके पांव छूकर उनका भी आशिर्वाद लिया । " जमाई सा आप विनीता को अपने साथ नही लाए । " शारदा जी ने पूछा तो प्

14

रूहान ने लिया हैदराबाद जाने का फैसला -15

13 मई 2023
0
0
0

हमारे लाडले फूफा जी ........ तीन साल से तो इन्हें हमारी कोई याद नही आई और आज मूंह उठाकर मेरा रिश्ता लेकर चले आए । इन्हें तो मैं छोडूगी नही । " ये कहते हुए रीत मुंडेर की ओर बढ़ने लगी । " रीत लेकिन

15

प्यार के एहसासों से भरी कविता कैसे लिख डाली -16

13 मई 2023
1
0
0

रात का वक्त , रीत की हवेली रीत इस वक्त हवेली के पीछे वाले हिस्से में तालाब के पास मौजूद थी । वो तालाब किनारे लेटी एक टक पानी में निहारें जा रही थी । उसका एक हाथ पानी के अंदर था । धिया उसके आस पास

16

रूहान का हैदराबाद पहुंचना -17

13 मई 2023
0
0
0

रात का वक्त , रूहान की हवेलीरात के खाने के समय सब लोग डायनिंग टेबल के पास मौजूद थे सिवाय रूहान के । देविका जी ने किसी नौकर से कहकर रूहान को बुलाने के लिए कहा था । इधर बाकी सब घरवाले रीत की तस्वीर देखन

17

रूहान और रीत की पहली मुलाकात -18

13 मई 2023
0
0
0

" मानता हु यहां फैक्टरी बनाने से मुझे काम करने वाले मजदूर आसानी से मिल जाएगे , लेकिन मै एक उपजाऊ जमीन पर फैक्ट्री खडी कर इस जमीन को खराब नही कर सकता । इस तरह हम सारी फैक्ट्रियां उपजाऊ जमीन पर खडी करे

18

हम इनके बच्चे की मां बनने वाले हैं -19

13 मई 2023
1
0
0

उस लडके ने अपनी आंखों पर से गोगल्स हटाए और रीत को ऊपर से नीचे तक देखते हुए मन में कहा " यही वो लडकी है , लेकिन इस तरह सडक पर दर्शन देने का क्या मतलब ? सजना संवरना तो दूर की बात इसे तो ये भी हो नही पता

19

रूहान का रीत की हवेली जाना -20

13 मई 2023
0
0
0

रूहान ने बिना श्रवण के जवाब का इंतजार किए फ़ोन काट दिया । श्रवण इस वक्त विजय जी और राणा जी के साथ गाडी मैं था । विजय ने उसकी ओर देखकर पूछा " क्या हुआ किसका फ़ोन था ? " " रूहान का फोन था काका सा उ

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए