लखनऊ: संपूर्ण भारत या उसके कुछ राज्यो तक व्यक्तिगत शस्त्र लाइसेंसों का सीमा विस्तार किये जाने से संबंधित आदेश आज प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह देवाशीष पांडे द्वारा जारी कर दिया गया।
तीन पृष्ठ के शासनादेश दिनांक 18 अप्रैल 2017 जो सूबे के समस्त जिला मजिस्ट्रेट को संबोधित है में भारत सरकार द्वारा आयुध नियमावली में किये गये संशोधनों के परिपेक्ष्य में विभिन्न श्रेणियों के शस्त्रों के सीमा विस्तार की पूरी प्रक्रिया का वर्णन किया गया है।
ज्ञात हो कि इंडिया संवाद ने 15 अप्रैल 2017 को इस आशय की रिपोर्ट दी थी कि उन लोगो के प्रति जो अपनी सुरक्षा हेतु वैध असलाह रखते है और जिन्हें असलाह लेकर एक राज्य से दूसरे राज्य जाना होता है अब उसका विस्तार सम्पूर्ण भारत के लिये हो सकेगा। अबतक पूर्व में बने लाइसेन्स केवल चार ऐसे प्रदेशो के लिए विस्तारित कराये जा सकते थे जिनकी सीमाये उत्तर प्रदेश की सीमा से जुड़ी होती थी।सारी सीमाओं को समाप्त करते हुऐ अब नए लाइसेंस सम्पूर्ण भारत के लिए बन सकेंगे जबकि पुराने लाइसेंसो को आल इंडिया तक विस्तारित कराया जा सकता है।
योगी आदित्य नाथ के मुख्यमंन्त्री बनने के एक माह के भीतर ही अब आर्म लाइसेन्स धारकों को यह अधिकार प्राप्त हो जाएगा कि वे अपना आर्म लाइसेन्स समूर्ण भारत या भारत के किन्ही राज्यो तक जिसे वह चाहता है,उत्तर प्रदेश सरकार में आवेदन कर विस्तारित करा सकता है।इसके लिए संबंधित लाइसेन्स धारक को जिला मैजिस्ट्रेट के माध्यम से आवेदन करना होगा।जिला मजिस्ट्रेट की आख्या और संस्तुति के अनुरूप राज्य सरकार अमुक राज्यो या सम्पूर्ण भारत के लिए लाइसेंस का विस्तारिकरण का आदेश पारित करेगी।
यहाँ यह बताना भी उचित होगा कि उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में,कुछ श्रेणियों को छोड़कर, नये शस्त्र लाइसेन्स बनाने पर रोक लगी है। पुराने शस्त्र लाइसेंस की सीमा को विस्तारित कराया जा सकता है।
18 अप्रैल को जारी शासनादेश में सीमा विस्तार से पूर्व लाइसेन्स अधिकारी को इस आशय के निर्देश भी दिए गए है कि वह भलि भांति संतुष्ट हो ले कि अमुक व्यक्ति के लाइसेंस विस्तारित करने के कारण और औचित्य क्या है।
जिला मजिस्ट्रेट को बाकायदा एक प्रपत्र बनाकर दिया गया है कि वे उसके अनुसार विस्तारण का प्रस्ताव प्राप्त कर कार्यवाही करेंगे।