नई दिल्लीः यह जगजाहिर है कि स्मृति ईरानी और प्रकाश जावडे़कर के बीच पहले से 36 का आंकड़ा है। मगर अब यह मतभेद कुछ ज्यादा ही गहराने वाला है। मानव संसाधन विकास मंत्री बनने के बाद प्रकाश जावड़ेकर के निशाने पर अब पूर्ववर्ती स्मृति ईरानी की हर फाइल और फैसलें हैं। ताजा मामले इलाहाबाद और अलीगढ़ केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का है। इनके खिलाफ कई अनियमितताएं मिलने के बाद भी स्मृति ने जांच नहीं कराई। अब जाकर मामले को गंभीरता से लेते हुए जावड़ेकर ने दोनों कुलपतियों के खिलाफ आर्थिक और शैक्षणिक भ्रष्टाचार की शिकायतें पाते हुए राष्ट्रपति से जांच की अनुमति की मांग की है। कहा जा रहा के जांच की अनुमति मिलते ही एमएचआरडी दोनों कुलतियों की पद से छुट्टी करने की दिशा में कदम बढ़ाएगा। इसमें इलाहाबाद के वीसी आरएल हांगलू की नियुक्ति दिसंबर 2015 में स्मृति ईरानी के कार्यकाल में हुई थी। सूत्र बता रहे हैं इस जांच में पीएम मोदी की भी सहमति शामिल हैं।
इलाहाबाद विवि के वीसी के खिलाफ कई अनियमितता
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति के खिलाफ कई शिकायतें हैं। आरोप है कि निजी सुरक्षा के नाम पर कुलपति ने दस लाख खर्च किए। ओएसडी और स्पोर्ट्स ट्रेनर पद पर अवैध नियुक्ति का मामला। आवास की मरम्मत में 70 लाख रुपये खर्च किए। यही नहीं यूजी, पीजी और रिसर्च प्रोग्राम की प्रवेश परीक्षा में भी अव्यस्था बरतने की शिकायत है। प्रवेश परीक्षा को लेकर छात्रों ने कई दिन तक विश्वविद्यालय में हंगामा किया था। इस दौरान उन्होंने राजनैतिक हस्तक्षेप को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोल दिया था। यह भी कुलपति के प्रति एमएचआरडी की नाराजगी की वजह है।
फोटो-इलाहाबाद केंद्रीय विवि के कुलपति प्रो. आरएल हांगलूअलीगढ़ के कुलपति ने की अवैध नियुक्तियां
इलाहाबाद विवि की तरह अलीगढ़ विवि के कुलपति प्रो. जमीरुद्दीन शाह के खिलाफ भी मानव संसाधन विकास मंत्रालय को तमाम शिकायतें मिली हैं। मसलन प्रोफेसर के खाली पद पर अवैध नियुक्ति, छात्रों से इकट्ठा हुए धन को प्राइवेट ट्रस्ट सर सैयद एजूकेशनल फाउंडेशन में ट्रांसफर करने का मामला भी शामिल है। यही नहीं शाह पर एक रिटायर्ड बिग्रेडियर की नियुक्ति विश्वविद्यालय के प्रो. वीसी पद पर करने की शिकायत है, जिन्होंने कभी प्रोफेसर पद पर कार्य नहीं की।
क्या बोले कुलपति
इस बाबत जहां इलाहाबाद विवि के कुलपति प्रो. हांगलू कहते हैं कि उन्होंने उच्च शिक्षा सचिव से बात की है तो उन्होंने ऐसी किसी बात से इन्कार किया है वहीं अलीगढ़ विवि के कुलपति प्रो. शाह का कहना है कि अगर जांच का मामला सामने आता है तो वह स्वागत करेंगे।
राष्ट्रपति देंगे मंजूरी तो कुलपतियों को मिलेगी नोटिस
चूंकि केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपति की नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं। इस नाते जांच के आदेश उन्हीं के स्तर से दिए जाते हैं। अगर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के प्रस्ताव पर दोनों विवि के कुलपतियों के खिलाफ राष्ट्रपति जांच की अर्जी स्वीकार करते हैं तो फिर जावड़ेकर का मंत्रालय पहले उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करेगा। जवाब मिलने के बाद जांच शुरू होगी।
फोटो-अलीगढ़ मुस्लिम विवि के कुलपति प्रो. जमीरुद्दीन शाह