नई दिल्लीः इस बार केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी अपनी चप्पल को लेकर सुर्खियों में हैं। फटी चप्पल पर चार टांके लगाने वाले मोची ने मांगे दस रुपये मगर ईरानी ने सौ रुपये का नोट पकड़ा दिया। जब मोची ने बाकी पैसे लौटाने की कोशिश की तो स्मृति ने चेंज वेंडा कहकर मना कर दिया। कोयंबटूर की स्थानीय भाषा में चेंज वेंडा का मतलब होता है छुट्टे की जरूरत नहीं। जब मोची चप्पल पर टांके लगा रहा था तो स्मृति बहुत ध्यान से उसके कार्य पर फोकस की हुईं थीं। सौ रुपये का नोट देकर छुट्टा लेने से मना करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। ट्विटर पर समर्थक इसकी सराहना कर रहे हैं।
उड़ान से उतरते ही स्मृति के चप्पल ने दे दिया जवाब
दरअसल केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी इशा फाउंडेशन की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने तमिलनाडु के कोयंबटूर पहुंचीं थीं। जैसे ही वे फ्लाईट से उतरीं तो चप्पल पर दबाव पड़ने से पट्टी टूट गई। नए चप्पल की व्यवस्था करने की बजाए स्मृति एयरपोर्ट के आसपास मोची की तलाश करने लगीं। मगर उनकी यह तलाश एयरपोर्ट से 16 किमी दूर जाकर खत्म हुई। सड़क किनारे मोची की दुकान दिखने पर उन्होंने गाड़ी रुकवाया। स्मृति के साथ तमिलनाडु भाजपा की महासचिव वी श्रीनिवास भी वाहन से उतरीं। मोची के पास जाकर स्मृति ने अपनी चप्पल मरम्मत के लिए दिया। जब मोजी ने चार टांके लगाकर चप्पल की पट्टी दुरुस्त कर दी तो स्मृति ने पर्स से सौ रुपये की कड़क नोट निकाली और मोची को थमा दी। मोची 90 रुपये लौटाने लगा तो स्मृति ने इन्कार कर दिया। स्थानीय भाषा में कहा कि चेंज वेंडा। यानी फुटकर नहीं चाहिए। दस रुपये के काम के बदले सौ रुपये पाकर मोची स्मृति को देखता ही रहा। उधर केंद्रीय मंत्री स्मृति के आम महिला की तरह दुकान के सामने स्टूल पर बैठकर मोची से चप्पल बनवाने का वीडियो वायरल हो गया।