नई दिल्ली : फेसबुक ने समाचार जगत बदल दिया है. बडे अखबार और बड़े न्यूज़ चैनल्स को पीछे छोड़कर आज दुनिया के सभी महत्वपूर्ण चुनाव फेसबुक के मंच पर लड़े जा रहे हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव से लेकर भारत में होने वाले हर बड़े चुनावों में फेसबुक एक बड़ा मंच बनता जा रहा है. शायद इसलिए फेसबुक ने समाचारों को चुनने और शेयर करने के लिए एक नया टूल तैयार किया है.
साल भर में फेसबुक के अन्दर दुनिया भर की खबरों को लेकर एक मंच बन गया है. इस मंच पर बड़े-बड़े अखबार और चैनलों से लेकर छोटी बेवसाइट छोटे न्यूज पेपर सब के सब खबरों की पल-पल की फीड हर पल भेजते जा रहे है. यही हाल अमेरिका में राष्ट्रपति के चुनावों को लेकर है, जहां वाशिंगटन पोस्ट से लेकर न्यूयॉर्क टाइम्स और सीएनएन ही नहीं फॉक्स न्यूज़ तक को फेसबुक पीछे छोड़ता जा रहा है.
फेसबुक के मुताबिक सिर्फ अमेरिका मे 32 करोड़ की जनसंख्या मे 20 करोड़ लोग फेसबुक पर रहते है. 2016 की एक रिसर्च मे पाया गया है कि मौजूदा समय मे 44% अमेरिकी फेसबुक पर खबरें पड़ रहे है. यही कारण है तमाम राजनैतिक पार्टिया फेसबुक पर बहती गंगा मे हाथ धो रही है.
इन चुनावों मे फेसबुक कई मंचो से संवाद कर रहा है. 2016 मे फेसबुक ने अपने यूजर्स के लिए कई तरह के मंचो के विस्तार के साथ सॉफ्टवेयर मे भी कई तरह के सुधार किये है. जैसे समाचार जगत से जुड़े फोटो, वीडियों और स्टोरी को फेसबुक तेजी से उठा रहा है और फेसबुक पर अपलोड़ कर वायरल कर रहा है. छोटे बड़े मीडिया संस्थानों की खबरों को फेसबुक बड़ी ही तेजी से छांटता है और उन्हे फेसबुक पर सर्कुलेट करता है.
The New York Times के एक्सपर्ट लिखते है कि फेसबुक को कामयाबी इसलिए मिल रही है. क्योकि राजनैतिक विचारधारा के स्तर पर हर सोच हर पार्टी की खबरों को फेसबुक पर जगह मिल जाती है. फेसबुक की न्जूज फीड़ राजनैतिक खबरों को बड़ी तेजी से अपने यूजर्स तक पहुंचा रही है. और यही नहीं कुछ खास किस्म के टूल ऐसी खबरों को फिल्टर करके पाठकों तक पहुंचाते है. बहुत से ग्रुप इन खबरों को अलग-अलग शीर्षकों से तेजी से शेयर करते है और ऐसे ग्रुप के फॉलोअर्स अब लाखों की संख्या मे बढ़ते जा रहे है.
फेसबुक ने एक नये किस्म का टूल निजात किया है, जिसे CrowdTangle नाम दिया गया है. यह टूल फेसबुक के पृष्टों पर खबरों को लेकर लाईक व चुनावों को लेकर जो कमेन्ट और संवाद हो रहे है, उन्हे ट्रेक करता है. इस डाटा का इस्तेमाल राजनैतिक पार्टी और पार्टियों के उम्मीदवार कर रहे है. दरअसल यह डाटा इस बात की विशेष तौर पर जानकारी देता है कि कौन-कौन से ग्रुप कौन-कौन से एंगल पर क्या बहस कर रहा है. साथ ही पार्टी के प्रवक्ता, विशेषज्ञों की रिपोर्टस क्या बोल रही है.
अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव मे फेसबुक पर जो बहस हो रही और जितनी संख्या मे लोग उसमे शामिल हो रहे है. उसमे Breitbart औक Mic जैसी बड़ी कम्पनियों के चुनावी ऑपरेशन को भी पछाड़ दिया है. ये सब कुछ फेसबुक ने अपने डिजाइन को बदलकर किया है. शायद इसी वजह से आज अमेरिकी इलेक्ट्रानिक मीडिया और प्रिंट मीडिया में राष्ट्रपति चुनाव की सरगर्मी और सक्रीयता फेसबुक पर देखी जा रही है.