लखनऊ : देश में पीएम मोदी के नाम की चली आंधी में जब विपक्षी पार्टियां बीजेपी के आगे चारों खाने चित हो गयीं तो उन्होंने इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन ( EVM ) में गड़बड़ी करने का सवाल खड़ा कर दिया. जिसके चलते आप के मुखिया केजरीवाल ने जहां पंजाब में बीजेपी की जीत पर EVM मशीन में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया, वहीँ यूपी में अखिलेश यादव और मायावती ने भी अपनी हार का ठीकरा EVM पर फोड़ दिया. हालाँकि चुनाव आयोग में इस बात को लेकर शिकायत भी विपक्षी दलों ने की, लेकिन नतीजा सिफर रहा. फिलहाल अब आम आदमी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने EVM मशीन को लेकर ऐसा बयान दे डाला है, जो गंभीर भी है और चौंकाने वाला भी.
अपने बयान में प्रभात कुमार ने क्या कहा ?
लेकिन अब आम आदमी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभात कुमार ने ये बयान देकर सनसनी फैला दी है कि EVM से जैसे चाहे काम लिया जा सकता है. 'इंडिया संवाद' से बात करते हुए उन्होंने यह दावा किया है कि EVM को हैक करने के लिए ये जरुरी नहीं कि उसके लिए कोई नेट कनेक्शन लिया जाये. उनका दावा है कि EVM में पड़े सॉफ्टवेयर को छेड़े बगैर उसको जैसे चाहे सेट किया जा सकता है. दरअसल EVM के हार्डवेयर में IC के जरिये उसको टेम्पर किया जा सकता है.
कोई नहीं जान सकेगा इस छेड़छाड़ को
आम आदमी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभात कुमार का ये मानना है कि ऐसा करने पर कोई इस बात का अंदाजा नहीं लगा सकता है कि EVM से छेड़छाड़ की गयी है. वह यह भी बताते हैं कि EVM में लगे माइक्रोकंट्रोलर के जरिये उसमें एक IC लगाकर जैसे चाहे वैसे वह काम करेगा. उन्होंने बताया कि उन्हें किसी भी पार्टी कि हार जीत से कोई लेना देना नहीं, लेकिन पिछले कई दिनों से देश में गरमाये इस मुद्दे पर वह खामोश थे, लेकिन जब बात अधिक बाद रही है तो स्थिति साफ करने के लिए उन्हें EVM को लेकर अपनी बयानबाजी करनी पड़ी.
एक मशीन पर महज 10 हजार का खर्चा
प्रभात कुमार का कहना है कि EVM में डाले गए सॉफ्टवेयर के बाहर एक IC लगाकर उसे टेम्पर करने में कोई भी परेशानी नहीं. उनके मुताबिक किसी भी राज्य में चुनाव करने के लिए जितनी भी EVM मशीन भेजी जाती हैं, उनसे अपने मनमुताबिक कार्य लेने के लिए तकरीबन 10 हजार करोड़ रुपये का बजट काफी है. उन्होंने बताया कि इस काम को अंजाम देने के लिए अगर कोई सोफ्त्वेयेर तैयार कराया जाता है तो उस पर अधिकतम खर्चा 5 लाख रुपये और एक मशीन के हार्डवेयर पर अधिकतम खर्चा तकरीबन 10 हजार रुपये आएगा. इस तरह से कोई भी राजनीति क पार्टी इस काम को अपनी सरकार बनाने के लिए बड़ी आसानी से इतनी रकम खर्च कर सकती है.