युगों से बह रहे विचारों के
शांत सागर में
जब कभी
सीमाओं को लांघकर,
कोई भाव
असह्य हो जाता है,
कविता का सम्बल ले,
तभी
जन-मानस
राहत की सांस ले पाता है.
इसलिए,
कविता 'सविता' है,
सृजन का एक गीत !
-उषा
मैं एक मनोवैज्ञानिक जिसका झुकाव दर्शन शास्त्र की ओर अधिक है पेशे से शिक्षिका प्रधानाचार्या और शौक के लिहाज़ से एक लेखिका ,कवियित्री, चित्रकार व गायिका . D