12 मई 2015
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मैं एक मनोवैज्ञानिक जिसका झुकाव दर्शन शास्त्र की ओर अधिक है पेशे से शिक्षिका प्रधानाचार्या और शौक के लिहाज़ से एक लेखिका ,कवियित्री, चित्रकार व गायिका . D
उषा जी, आज के परिवेश की सच्चाई को बखूबी व्यक्त किया है...सुन्दर रचना...धन्यवाद !
6 मई 2015