मत पालो अवसाद
मत पालो अवसाद,
औरों की बढ़ोत्तरी में,
मत रोओ,
हो सकता है, तुम्हें मिले वो,
कुछ वर्षों के बाद !
ये संचय का मसला है,
जिसने जितना जोड़ा,
उसको उतना ही मिलता है।
नहीं ज़रूरी फिर भी,
अभी, अभी मिल जाए,
हो सकता है, बाद तुम्हारे,
वो प्रकाश में आए।
राणा, रानी को ले लो,
गिरजा, मंदिर को ले लो,
सब ब