लखनऊः रेल मंत्रालय अपने यात्रियों को कम कीमत पर ठंडा पानी मुहैया कराने के बडे-बडे दावे क्यों न कर ले, लेकिन हकीकत यह है कि उसके अफसर ही इसे परवान नही चढने दे रहे। रेल यात्रियों को स्टेशनो पर ठंडा और स्वच्छ पानी मुहैया कराने के लिए लगाए गए वाटर एटीएम पर पानी का गोरखधंधा हो रहा है।
यह वाटर एटीएम ट्रेन आते ही बंद हो जाते है। इससे यात्रियों को या तो स्टॅालों पर 20 रूपये की बोतल खरीदनी पड़ रही है, या फिर वह वाटर कूलर से गरम पानी पीने को मजबूर है।
"इंडिया संवाद" में कल 27 अप्रैल को "प्रभु के राज में पानी की किल्लत,रेलवे से परेशान रेलयात्री" शीर्षक में इस आशय का समाचार प्रषित हुआ था कि वाटर एटीएम पर पानी का धंध जोरो से फल फूल रहा है।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने यात्रियों को कम दर पर ठंडा ओर स्वच्छ पानी मुहैया कराने के लिए बड़े स्टेशनों पर वाटर एटीएम लगवाए है। वाटर एटीएम को लगाने की जिम्मेदारी भारतीय रेलवे खानपान एव पर्यटन निगम की है।
चारबाग स्टेशन पर पानी का गोरखधंधा संगठित रूप से चल रहा था। यहां एक तरफ जहां रेलवे की ओर से आवंटित स्टॉल पर 15 रू की बोतल 20 रू में बेची जा रही है। वहीं अवैध वेंडर गैर अनुमोदित ब्रांड की पानी की बोतलों को बेचने का खेल कर रहे है।
"इंडिया संवाद" की खबर का असर यह हुआ कि, स्टेशन पर यात्रियों को अब वाटर एटीएम और कूलर से पानी लेने में परेशानी न हो इसके लिए एक अधिकारी की जिम्मेदारी तय कर दी है जो स्टेशन पर वाटर एटीएम और कूलर की जांच करेगा।
वाटर ए टी एम तथा वाटर कूलरों की गडबडी को सही भी कराएगा। चारबाग स्टेशन का निरीक्षण भी किया गया। मौके पर ही मशीनों को ठीक कराने के आदेश भी दिए गये।यात्रियों को बेहद कम दाम पर ठंडा और शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के लिए वाटर एटीएम संचालक भी नियुक्त किये गये है। ट्रेन रूकते ही लोग पानी की तलाश में इन एटीएम पर पहुंचते है तो उन्हें बता दिया जाता है कि पानी खत्म हो गया है या फिर वह ठंडा नही है। वाटर कूलर से भी यात्रियों को ठंडा पानी नहीं मिल पाता है। मजबूरी में उन्हें 20 रू मे पानी खरीदना पडता है। गरूवार को प्रकाशित खबर का डीकआरएम ने सं ज्ञान लिया। यह अधिकारी अब रोज यहां का निरीक्षण करेंगे और डीआरएम को अपनी रिपार्ट सौपेगें।सीनियर डीआरएम शिवेंद्र शुक्ल ने बताया कि वाटर एटीएम को लगाने की जिम्मेदारी आइआरसीटीसी की है।