लखनऊ : यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार में लंबे समय से चल रहे पेट्रोल की घटतौली का खुलासा किया गया है. दरअसल लंबे समय से चल रहे इस गोरखधंधे में पेट्रोल पंपों पर तैनात कैशियर और कर्मचारी शामिल हैं, जिनको एक लीटर पेट्रोल पर ढाई रुपये की बचत होती है. यह बचत जनता के 1 लीटर पेट्रोल भराने पर उसकी गाड़ी में 900 मिलीलीटर पेट्रोल डालकर पंप पर तैनात कर्मचारी अपनी जेबें गर्म करते रहे हैं. लेकिन यूपी में योगी सरकार ने इस गोरखधंधे को बंद करने के लिए सूबे की राजधानी लखनऊ के 8 पेट्रोल पंपों पर बीती रात छापा मारकर लंबे समय से चल रहे इस गोरखधंधे का खुलासा किया है.
खेल में सरकारी विभागों के अफसर भी शामिल
सूत्रों के मुताबिक पिछले लंबे समय से यूपी की एसटीएफ टीम को ये खबर मिल रही थी कि लखनऊ के कई फीलिंग सेंटरों पर से पेट्रोल भराने आने वाले ग्राहकों की गाड़ी में एक लीटर पेट्रोल भराये जाने पर उसमें से 100 मिलीलीटर पेट्रोल मशीन में लगी चिप के जरिये बचा लिया जाता है. सालों से खाद्य आपूर्ति विभाग और बाट एवं माप विभाग के फील्ड में तैनात इंस्पेक्टरों की सांठगांठ से पेट्रोल पंप मालिक इस गोरखधंधे धंधे को अंजाम देते चले आ रहे हैं. लेकिन जैसे ही सीएम योगी को इस बाट की भनक लगी की जनता को बड़े पैमाने पर इस तरह से ठगा जा रहा है. तो उन्होंने अपने विश्वसनीय कुछ अफसरों को इस प्लान में शामिल किया. बताया जाता है कि योगी ने इन अफसरों को पहले ही इस बात के साफ संकेत दे दिए कि इस बात की भनक किसी अफसर को नहीं होनी चाहिए.
योगी ने ऐसे बुना अपना टॉप सीक्रेट प्लान
सूत्रों के मुताबिक योगी के इस टॉप सीक्रेट प्लान में लखनऊ के एसएसपी अमित पाठक, ADM सिविल सप्लाई और बाट विभाग के नियंत्रक के बीच बुने गए इस सीक्रेट प्लान की भनक एसटीएफ के एक कर्मचारी के अलावा किसी को भी नहीं थी. अचानक से पहुंची इस टीम ने लखनऊ के 8 पेट्रोल पंपों पर वही चिप पायी, जिसकी पहले से उन्होंने रेकी कर रखी थी. फिलहाल प्रशासन में तैनात एक अफसर ने 'इंडिया संवाद' से बाट करते हुए ये बात मानी कि बिना इंस्पेक्टरों की सांठगाठ के ये खेल अधिक दिन तक नहीं चल सकता था. इससे यह बात साफ हो चुकी है कि खाद्य आपूर्ति विभाग और बाट एवं माप विभाग के कर्मचारियों को इस धंधे के एवज में प्रतिमाह रुपये का नजराना पेट्रोल पंप मालिक को पहुंचा रहे थे.
प्रतिलीटर पेट्रोल पर 100 मिलीलीटर की होती थी बचत
गौरतलब है कि एक लीटर तेल में अपने ढाई रूपये कमीशन के लिए हडताल तक करने वाले पंप संचालक ग्राहकों को लंबे समय से करोडो का चूना लगा रहे थे. ग्राहक के एक लीटर पेट्रोल की रकम अदा करने पर करीब 900 मिलीलीटर तेल ही मिल रहा था. मशीन में इलेक्ट्रॉनिक चिप व रिमोट सेंसर के जरिए यह गोरखधंधा कुछ इस तरह हो रहा था कि ग्राहक को इसकी कोई भनक नहीं लगती थी. गुरूवार की रात एसटीएफ व प्रशासन की संयुक्त टीम की छापेमारी में इस बडें गोरखधंधे का राजफाश हुआ. एसटीएफ ने सात पेट्रोल पंपों पर इलेक्ट्रॉनिक चिप के जरिए पेट्रोल चोरी का खेल पकडा. सबसे अहम यह है कि इनमें यूपी पेट्रोल पंप एसोसिएशन के अध्यक्ष बीएन शुक्ला का पेट्रोल पंप (स्टैंडर्डफ्यूल स्टेशन) भी शामिल है.
आरोपियों के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
एसएसपी अमित पाठक के मुताबिक चिप लगाने के आरोप में पकडे गए इलेक्ट्रीशियन राजेंद्र ने राजधानी के अलावा अन्य जिलों के सैकडों पेट्रोल पंपों में भी यह गडबडी करने की बात स्वीकार की है. उसके अन्य साथी भी इस गोरखधंधे में शामिल है. पेट्रोल पंपों में नोजल के नीचे चिप लगाई जाती थी, जिसका एक सर्किट मशीन में लगा होता था. चिप रिर्माट के जरिए संचालित होती थी. सभी सात पेट्रोल पंपों में बिक्री रोकने के साथ ही स्टॉक का मिलान किया जा रहा है. कर्मचारियों से भी गहनता से पूछताछ हो रही है. आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.