नई दिल्लीः मशहूर सूफी गायक हंसराज हंस को कांग्रेस रास नहीं आई तो भाजपा में शामिल हुए हैं। पार्टी नेता अमित शाह की मौजूदगी में सदस्यता लेने के बाद हंस ने मोदी को बब्बर शेर बताया। फरवरी में हंसराज कांग्रेस में शामिल हुए थे, इसके बाद अब मौका मिलते ही दल बदल लिए। हंस ने कहा है कि जो भी पार्टी जिम्मेदारी देगी, उसका बखूबी निर्वहन करेंगे। दलित नेता होने के कारण पंजाब में पार्टी को हंस के शामिल होने से लाभ मिलने की उम्मीद है।
अमृतसर से लड़ सकते हैं चुनाव
भाजपा सूत्र कह रहे हैं कि हंसराज हंस को अमृतसर की सीट से चुनाव लड़ाने की तैयारी है। क्योंकि पार्टी को इस सीट पर मजबूत और लोकप्रिय उम्मीदवार की काफी समय से तलाश है। हंसराज हंस भी दलित नेता माने जाते हैं जबकि पंजाब में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विजय सापला भी दलित नेता हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि हंस के आने से विजय को कुछ नुकसान हो सकता है। क्योंकि पार्टी को अब एक और दलित चेहरा मिल गया है। विजय सापला नहीं चाहते थे कि हंस को भाजपा में मौका मिले मगर हंस ने केंद्रीय नेतृत्व से संपर्क कर पार्टी में पैठ बना ली।