रांची : यहां के दो बड़े सरकारी हॉस्पिटल रिम्स और सदर अस्पताल में मरीज और उनके परिजन पानी के लिए भटक रहे हैं. उन्हें बाहर से बोतल बंद पानी खरीदना पड़ रहा है और अन्य जगहों से जुगाड़ना पड़ रहा है. दोनों अस्पतालों में करीब पांच हजार मरीज और उनके परिजन प्रभावित हो रहे हैं. यहां के डॉक्टर और कर्मचारी भी इसी समस्या से जूझ रहे हैं. मीडिया खबरो कि मान तो रिम्स अस्पताल के शौचालय में तो पानी है, पर पीने का पानी नहीं है. रिम्स के बाहर सस्ता भोजन की ओर से आठ रुपए में मिनरल वाटर बेचा जा रहा है. स्टॉफ संगीता ने कहा कि रोजाना करीब 550 बोतल बेचती हूं.
रिम्स में आधा दर्जन वाटर प्यूरीफायर महीनों से खराब
झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में पिछले साल करीब आधा दर्जन वाटर प्यूरीफायर लगाए गए थे, जो अब खराब पड़े हैं. योगदा सत्संग सोसाइटी की ओर से ओपीडी परिसर में एक प्यूरीफायर दिया गया था, जो ठीक है. इससे कुछ मरीजों को तो राहत है, लेकिन इमरजेंसी और वार्डों में भर्ती मरीजों को बोतल के पानी पर निर्भर रहना पड़ रहा है. परिजनों ने बताया कि रिम्स के बाहर दाल-भात केंद्र, सुलभ शौचालय और दुर्गा मंदिर स्थित प्याऊ से पीने का पानी लाना पड़ रहा है. इनडोर में करीब 13-14 सौ मरीज इलाजरत रहते हैं. वहीं, इनके अलावा इतने ही संख्या में परिजन 24 घंटे अस्पताल में रहते हैं. डॉक्टरों के केबिन, निदेशक और अधीक्षक कार्यालय समेत कॉलेज बिल्डिंग में भी शुद्ध पेयजल का अभाव है.