नई दिल्लीः संगठन ही नहीं सरकार में भी अब सुनील बंसल की चलेगी। अब तक उनके इशारे पर भाजपा के प्रत्याशी नाचते थे, अब यही हाल नए मंत्रियों का भी होगा। दरअसल मुख्यमंत्री योगी के साथ मिलकर मंत्रिपद बंटवारे का भी जिम्मा सुनील बंसल को मिला है। लोकसभा के बाद विधानसभा चुनाव की भी सफल बागडोर संभालने के बाद मोदी-शाह का बंसल और ज्यादा भरोसा जीतने में सफल रहे। यही वजह है कि उन्हें मंत्रिपद वितरण का भी जिम्मा सौंप दिया गया है। यानी सुनील बंसल भले सरकार का हिस्सा नहीं हैं, मगर दखल पूरा रहेगा। भाजपा के एक बड़े नेता कहते हैं कि यूपी में योगी सरकार पर नजर रखने के लिए बंसल मोदी और शाह की आंख-कान बने रहेंगे। शाह ने सुनील बंसल को मंत्रियों के विभाग बंटवारे की भी जिस तरह से जिम्मेदारी सौंपी है, उससे बंसल की ताकत का साफ अंदाजा लगाया जा सकता है।
शाह के दूत की भूमिका निभाएंगे बंसल
जिस भी सूबे में भाजपा की सरकार है, वह मोदी के निगाह की सरकार मानी जाती है। मोदी पार्टी की हुकूमत वाले हर राज्य के सीएम से लेकर मंत्रियों तक पर कड़ी नजर रखते हैं। निगरानी के लिए मोदी की आंख-कान होते हैं संगठन के पदाधिकारी, जो सरकार का हिस्सा नहीं होते। भाजपा के एक बड़े नेता ने इंडिया संवाद को बताया कि नई सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती दलबदलुओं को मंत्रिपद बांटने की रही। क्योंकि भाजपा और संघ के चरि में फिट होने में अभी उन्हें समय लगेगा। वह बड़े विभाग ही चाहते हैं। दूसरे दलों से आकर मंत्री बने नेता कहीं गड़बड़ न करें, इसके लिए मोदी और शाह ने बंसल को पूरी रणनीति बनाने को कहा है। कैबिनेट मंत्री बने इन नेताओं को जो ज्यादा महत्व वाले विभाग नहीं देने की बात कही जा रही है।
बंसल ने जीता भरोसा
राजस्थान निवासी सुनील बंसल एबीवीपी के राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री रहे। 2014 के लोकसभा चुनाव के वक्त अमित शाह ने उन्हें यूपी की जिम्मेदारी सौंपी। संगठनात्मक स्तर पर बंसल ने अमित शाह के साथ दमदार काम किया। यूपी के हर बूथ पर 21-21 कार्यकर्ताओं की मजबूत टीम खड़ी की। हर गांव की बूथलेवल टीम से दलित, ओबीसी महिलाओं तक को जोड़ने में सफलता हासिल की। शाह के निर्देशन में बंसल ने यूपी में दो करोड़ भाजपा सदस्यों को जोड़ा। लोकसभा चुनाव के बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में भी उनकी मेहनत दिखी। जिससे अब मोदी और शाह का उनके प्रति और भरोसा मजबूत हुआ है।