भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने आप को राज्य के बच्चों का मामा बताते हैं, लेकिन राजधानी भोपाल से लगे हुए रायसेन ज़िले के गांव के स्कूल की दुर्दशा ऐसी की बच्चे बिना थाली के ही मध्यान्ह भोजन करने को मजबूर हैं| यह हाल तब है जब प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री सुरेंद्र पटवा खुद ही यहां से आते हैं। रायसेन ज़िले के रोजडाचक गांव के स्कूल की कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई जिसे देखकर सरकार की पूरी व्यवस्था की पोल खोल गई है|
सरकार ने मांगने पर भी नहीं दी थाली
दरअसल पूरा मामला मध्यप्रदेश के रायसेन ज़िले के अब्दुल्लागंज का है जहां स्कूली बच्चों को मध्यान्ह भोजन करने के लिए एक थाली तक नहीं है। छोटे छोटे बच्चे हांथ और ज़मीन पर रखकर मध्यान्ह भोजन करने को मजबूर हैं। इतना ही नहीं जब इस बात को स्कूल के प्रभारी से बताया गया तो वो सीना ज़ोरी पर उतर आए। लेकिन जैसे ही उनसे कहा गया कि इस पूरी घटना की तस्वीर और वीडियो मौजूद है तो स्कूल प्रभारी उधम सिंह ने तुरंत पलटी मार दी और कहा कि थालियों के लिए मांग पत्र दिया गया है लेकिन अभी तक स्कूलों में मध्यान्ह भोजन के लिए थालियां नहीं आईं।
मध्यप्रदेश वाकई अजब है, सीएम काए
हालांकि पूरी घटना सामने आने के बाद अब स्कूल के प्रभारी भी खुले तौर माना कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के स्वर्णिम मध्यप्रदेश के दावे की कलई खुल गई। मामला गंभीर इसलीए भी है क्योंकि यह क्षेत्र प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री सुरेंद्र पटवा का है, जो कि उनका विधानसभा क्षेत्र भी है| सवाल यही कि अगर सूबे के मंत्री के क्षेत्र का यह हाल है तो बाकी क्षेत्रों का क्या हाल होगा। इंदौर में इनवेस्टर मीटिंग के नाम पर लाखों की दावत उड़ाई गईं हैं और शुक्रवार(21 अक्तूबर) को भी हज़ार रुपये की थाली का खाना खाने वाले हैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तो वाकई एमपी अजब है।