नई दिल्ली : नोटबंदी को लेकर अपनी सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कई सवालों के जवाब मांगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह बैंक से निकासी की न्यूनतम निश्चित सीमा तय करे। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि कोई ऐसी निश्चित राशि होनी चाहिए जिसका भुगतान करने से बैंक इनकार न कर सके। केंद्र सरकार से यह सवाल भी पूछा गया कि बैंक ग्राहकों को साप्ताहिक अधिकतम निकासी रकम 24,000 रुपये क्यों अदा नहीं कर पा रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश ने केंद्र की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से पूछा कि एक सप्ताह में 24,000 रुपये निकालने की सीमा किस आधार पर तय की गई थी। सरकार से इस मसले पर बुधवार तक जवाब देने को कहा गया है।
मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने बैंकों में पर्याप्त नकदी न होने से लोगों को हो रही परेशानी पर चिंता जताई। साथ ही सरकार से दो बिंदुओं पर जवाब मांगा। इसमें न्यूनतम निश्चित निकासी राशि तय करने के अलावा जिला सहकारी बैंकों को कुछ शर्तो के साथ रुपये जमा करने की इजाजत देने का तंत्र बनाने पर विचार करने को कहा है। सरकार को नोट बंद करने का अधिकार है कि नहीं और नोटबंदी की अधिसूचना कहां तक कानूनी और वैध मानी जाएगी इस पर विस्तृत विचार के लिए कोर्ट ने नौ सवाल तय किए हैं, लेकिन कानूनी पहलू खंगालने से पहले लोगों की मौजूदा परेशानी पर बुधवार को सुनवाई होगी।
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता पी. चिदंबरम ने कहा कि उन्हें 24,000 की पहली किस्त निकालने में तीन दिन लगे। सरकार के पास पैसे नहीं हैं। करीब 12 लाख करोड़ रुपये पुराने जमा हुए हैं और सिर्फ 4 लाख करोड़ नये आए हैं। जितने नोट चाहिये उतने छपने में सात महीने लगेंगे। 24 हजार तो क्या लोगों को 10 हजार भी नहीं मिल रहे। कम से कम कोई न्यूनतम सीमा हो जिसे बैंक देने से न नकार सके।