नई दिल्ली: सूरत में कई जगहों पर बम रखने और अहमदाबाद में बम धमाकों के आरोपी इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी यासीन भटकल ने पुलिस रिमांड के दौरान एक ऐसा सच स्वीकारा है कि वो अहमदाबाद की तरह ही सूरत में भी एक साथ 28 बम धमाके करना चाह रहा था लेकिन कुछ गलतियों की वजह से ऐसा हुआ नहीं. 8 दिन के पुलिस रिमांड में यासीन ने विस्तार से इस बारे में बताया है. रिमांड में रह रहे आतंकी यासीन भटकल को मंगलवार को सूरत की अदालत में सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान दर्ज करवाने के लिए पुलिस ने पेश किया. कड़ी सुरक्षा में यासीन को पुलिस ने अदालत में पेश किया. उसने पुलिस को वो घर भी बताया जहां वो 10 से 12 दिन तक ठहरा था और पुलिस को उन सभी जगहों पर लेकर गया जहां इस दौरान उसने अपने साथियों के साथ बम लगाए थे.
आतंकी यासीन भटकल ने पुलिस कस्टडी के दौरान ही सीआरपीसी 164 के तहत जज के सामने ब्यान देने की बात की तो पुलिस ने मंगलवार को अदालत में पेश किया. आतंकी यासीन भटकल ने सूरत पुलिस के सामने कबूल किया कि उसने सूरत और भरूच में बोम बनाए थे और सूरत में 4 दिन के भीतर 28 बम प्लांट किये थे. इस दौरान उससे एक भूल हुई जिसकी वजह से बम ब्लास्ट नहीं हुए. यासीन ने बताया कि बम में एक डेटोनेटर लगाना था मगर उसने चार डेटोनेटर लगा दिए थे जिससे बम ब्लास्ट नही हुए थे.
सूरत शहर में 2008 में बम प्लांट कर सीरियल ब्लास्ट की योजना बनाने वाले आतंकी यासीन भटकल की एक गलती ने सूरत शहर को बचा लिया था. आतंकी यासीन भटकल के खिलाफ देश में कई जगहों पर बम ब्लास्ट करने के मामले दर्ज हैं. हैदराबाद के दो मामलों में अदालत ने उसे फांसी की सज़ा सुनाई है.