कहानी मुलत: प्रेम और सस्पेंस पर आधारित है। कहानी कई मोङ से टर्न होता है। कहानी के मुख्य पात्र रोनित और राजन, दोनों एक दूसरे के परम मित्र। जब रोनित अपने जीवन में उलझ जाता है। तो राजन उसे बाहर निकालने की कोशिश करता है। कहानी जो बस्तुत: उपन्यास है, के क
या बहुत सुंदर पुस्तक है. इसे पढ़िए.यह बहुत सस्ती है.
रहस्यों का पिटारा , लेखक द्वारा रचित वे रचनाये है जिसमें लेखक ने स्वयं को उसका चास्मदीद माना हैं।
यादें जीवन से जुड़ी हुई, यादों के झरोखे,
तेज तर्रार इंस्पेक्टर नील की मौत एक रहस्य बनी हुई थी। घटनास्थल पर किसी अन्य व्यक्ति एवं हथियार आदि के निशान नहीं थे। इंस्पेक्टर की मौत पर विभिन्न सस्पेंस, जासूसी के बाद मौत का रहस्य खुलता है। जानने के लिए पढें। उपन्यास पूर्णतः काल्पनिक है। किसी घट
ममता! कहानी है पुणे की लक्ष्मी शर्मा की ओर दो जाबाज ऑफिसर नील शर्मा और सुरेश वागड़े की! दुसरी तरफ एक आतंक का आका और उसकी गैंग है... अर्थात अफगानिस्तान की आंधी जिसने हिंदुस्तान में अपने पैर पसार लिए हैं। क्या ये तीनों इस आंधी से अपने देश को बचा पायेंग
एक गृहस्थ युवा जो साधनाओं के रहस्यमय मार्ग पर चल निकला .......
अपराध की पृष्ठभूमि होती है। बिना पृष्ठभूमि के अपराध हो ही नहीं सकता और पृष्ठभूमि हमारा समाज ही बनाता है। बिना सामाजिक एवं राजनीतिक पोषण के अपराध कभी भी पनप ही नहीं सकता।.....कहीं समाज किसी के ऊपर अत्याचार करता है, तो अपराध का जन्म होता है, तो कहीं सम
बदले और खून से सनी खूनी सफर सफर का इतिहास है ।जिसे हम कत्ले गारत का नाम देकर यहां प्रस्तुत करना चाहते हैं।
एक साधारण बैंक मैनेजर, जो एक पुरसुकून जिंदगी जी रहा था, कुछ लोगों के धोखे के कारण उसकी जिंदगी तहस नहस हो गई। उसने भी तय कर लिया कि जिन लोगों की वज़ह से उसकी हंसती खेलती जिंदगी नासूर बन गई थी उन सबको अपने हाथों से सज़ा देकर इंतक़ाम लेगा। उसके इंतक़ाम
मुम्बई हत्याकांड के सच और रहस्य को समझना तो मुश्किल है क्योंकि जीवन में आज हम केवल विश्वास और बातों में आ ही जाते हैं और हम अपने बड़ों की सलाह भी लेने की जरूरत नहीं समझते हैं। आओ पढ़े
अपराध करके कोई बच नहीं सकता इसकी सजा एक ना एक दिन भगवान सबको देता है। ये कहानी एक ऐसे लड़के की कहानी है जो जुर्म की दुनिया में कदम बढ़ाता है और उसे एक गलतफहमी है कि उसे उसके जुर्म की सजा देने वाला कोई नहीं है ।क्या लड़के की गलतफहमी दूर होगी या फिर ज
' जंगल से प्यार' [ कहानी ___धारावाहिक } अखिलेश प्रताप सिंग की उम्र महज 8 वर्ष रही होगी । वह जमींदार वीर प्रताप का अकेला पुत्र था । उस पर जमींदारी का रंग नहीं चढ पाया था । उसे जंगल में घूमना , नाना प्रकार के पक्षियों कोदेखना , तितलियों को पकड़ना
अपनी नाबालिग बेटी के बलात्कारी को सजा दिलवाने के लिए अदालतों के चक्कर काट काट कर थकेहारे आदमी ने अदालत परिसर में ही उस बलात्कारी की हत्या कर दी । यह घटना गोरखपुर की है । इसी पर आधारित एक कहानी
कहानी एक बिजनेसमैन की जो अपने अतीत से अपरचित है।
एक इंसान की कहानी जिसे लोग शैतान समझते थे, लेकिन क्या हकीकत में वो शैतान ही था.............................................
जिंदगी सुख और दुःख‚ सघर्ष और सुगमता दोनों पहलुओं का मिश्रण है। इस उपन्यास की कहानी पांच किरदारों के जीवन का चित्रण है। सभी किरदारों की अपनी अपनी सोच है। जीवन जीने का अपना अपना नजरिया है। रिश्तों के प्रति समझ और रिश्तों की वैल्यूज भी अलग अलग है। फिर भ