स्वर्ग धरा पर लाऊंगा
जात पात का भेद न हो ,
ऊंच नीच में फर्क न हो
सभी करे प्रेम आपस में
समाज में कोई द्वेष न हो
ऐसा कुछ कर जाऊंगा
स्वर्ग धरा पर लाऊंगा
ऐसा ही कुछ कर जाऊंगा
शिक्षा का हो घर घर उजियारा
परिवार साथ रहे हमारा
बुजुर्गो का सम्मान हो
कद्र करे एक दूसरे की भावना का
एक छत के नीचे सारा जहांन हो
ऐसा कुछ कर जाऊंगा
स्वर्ग धरा पर लाऊंगा
रोग मुक्त हो भूतल हमारा
करे नित्य योग प्राणायाम जग सारा
करे पठन रामायण और गीता का
अपनाए बाइबल और कुरान
गुरुगंथ साहिब के आदर्शो पर
हो सबका सामाजिक उत्थान
गरीब शब्द न हो समाज में
सबको मिले काम
ईमानदारी , और देशप्रेम की भाव यदि हो मन में ,
पा सकते है हम सब ये मुकाम
ऐसा कुछ कर जाऊंगा
स्वर्ग धरा पर लाऊंगा
कवि कौटिल्य