मुद्दतो गुजर गयें तुम से मिलें,
अब भी तुम्हारा गाँव याद आता हैं।
याददाश्त
कमजोर होती जा रही हैं
शुक्र हैं याद तुम रोज आते हो।
कई हमसफ़र मिले सफ़र में,
तो कई हमसफ़र की मिली सिर्फ यादें..!
बेरंग जवाने से कुछ रंग चुरा के लाया हूँ
अपनों के महफ़िल से तेरी याद चुरा के लाया हूँ।