नई दिल्लीः
क्या पंजाब में विरोधी दलों से पार पाने के लिए भाजपा सिद्धू के साथ मिलकर कोई गेम प्लान कर रही। यह चर्चा कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में इन दिनों चल रही है। इस चर्चा का आधार यह कई तथ्य बन रहे। मसलन बगावती तेवर अपनाने के बाद सिद्धू ने राज्यसभ सांसदी छोड़ दी मगर पार्टी की सदस्यता नहीं। उनकी पत्नी डॉ. नवजोत अब भी भाजपा विधायक हैं। यही नहीं इस पूरे प्रकरण में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से लेकर हर प्रमुख नेता चुप्पी साधे हुए हैं, वहीं एक बार प्रेस कांफ्रेस करने के बाद से सिद्धू भी कुछ नहीं बोल रहे हैं।
भाजपा नेता मलिक बोले-सिद्धू तो भाजपाई ही रहेंगे
भाजपा नेता श्वेत मलिक ने नवजोत सिंह सिद्धू को अब भी भाजपा का हिस्सा बताया है। उन्होंने कहा है कि सिद्धू तो भाजपाई ही रहेंगे। उनकी विचारधारा में भाजपा ही फिट बैठती है। यही वजह है कि अब तक सिद्धू ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
चौथे मोर्चा कहीं वोट काटने के लिए तो नहीं
खास बात है कि उनकी पत्नी डॉ. नवजोत व विधायक परगट सिंह और बैंस ब्रदर्स ने भले ही चौथे मोर्चे का पोस्टर फेसबुक पर जारी किया है, मगर सिद्धू ने ही इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी किया है और न ही सोशल मीडिया पर ही कोई पोस्ट। ऐसे में सियासी गलियारे में तमाम सवाल उठ रहे हैं। कहा जा रहा है कि चौथा मोर्चा खड़ा कर भाजपा उन वोटों को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की झोली में जाने से रोकना चाहती है, जो उसका परंपरागत वोट नहीं है। चूंकि सिद्धू अमृतसर से तीन बार सांसद रहे हैं, उनकी पत्नी के साथ मोर्चे से जुड़े परगट सिंह और बैंस बंधु विधायक हैं, ऐसे में दो दर्जन सीटों पर भी वोट कटवा की भूमिका सफल रही तो भाजपा-अकाली दल को फायदा पहुंच सकता है।
पंजाब के भाजपाई उहापोह में
भले ही चौथा मोर्चा खड़ा करने की तस्वीर साफ हो चुकी है, फिर भी पंजाब के भाजपाई सिद्धू को लेकर उहापोह में हैं। पार्टी नेताओं का कहना है कि सिद्धू अब भी पार्टी सदस्य होने के कारण पंजाब में भाजपा कोर ग्रुप के सदस्य के रूप में स्टैंड करते हैं। उनकी पत्नी डॉ. नवजोत कौर भी पार्टी की विधायक हैं। बागी तेवर काफी समय से सिद्धू अपनाएं हैं। फिर भी भाजपा की शीर्ष नेतृत्व उनके खिलाफ कोई एक्शन क्यों नहीं ले रहा।