नई दिल्लीः ट्रेन हादसा पड़ोसी सूबे आंध्र प्रदेश में हुआ मगर उड़ीसा के डीएम और एसपी ने हीरो की तरह काम किया। मानो वे खुद एनडीआरएफ का स्टाफ हों। जैसे ही कुनेर स्टेशन के पास हीराखंड एक्सप्रेस पलटने की खबर मिली उधर से गुजर रहे डीएम-एसपी दौड़ पड़े। दाद देनी होगी एसपी के शिव सुब्रमणि की। वे पलटी बोगी पर चढ़ गए और जब तक बचाव टीम पहुंचती तब तक खुद सैकड़ों यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। उधर डीएम ने वायरलेस से कंट्रोल रूम और रेलवे को सूचना भेजकर टीमें बुला लीं। राहत एवं बचाव कार्य में खुद लगकर दोनों अफसर यात्रियों की नजर में किसी हीरो की मानिंद छा गए। दोनों अफसरों की इस सक्रियता के चलते ही एक घंटे में बचाव कार्य पूरा हो सका।
प्रोटोकॉल तोड़कर की सहायता
ट्रेन आंध्रप्रदेश के विजयनगरम ज़िले के कुनेर स्टेशन के पास पलटी थी। जबकि डीएम पूनम कुमार और एसपी शिव सुब्रमणि दोनों उड़ीसा के रायगढ़ जिले के हैं। प्रोटोकॉल उन्हें दूसरे जिले की सीमा में कार्य की इजाजत नहीं देता था। मगर यहां उन्होंने अपने स्वविवेक का इस्तेमाल करते हुए इंसानियत के धर्म का पालन करने की सोची। अपना कार्यक्षेत्र न होने के बावजूद दोनों अफसरों ने नैतिक व मानवीय जिम्मेदारी समझते हुए बचाव कार्य शुरू किया। यात्री शिवसागर का कहना है कि हादसे के महज 25 मिनट के भीतर ही एसपी बोगियों के ऊपर बचाव कार्य करते नजर आए।
डीएम की सूचना पर पहुंची एनडीआरएफ टीम
अगर डीएम समय से न पहुंचते तो बचाव कार्य में काफी विलंब हो सकता था। जिससे 40 से ज्यादा यात्रियों की जान चली जाती। सीआरपीएफ के डीआईजी ने बताया कि डीएम रायगढ़ की सूचना पर ही उन्हें ट्रेन हादसे की जानकारी हुई। डीएम और एसपी ने कहा कि वे अफसर बाद में हैं इंसान पहले।