मुंबई : हाल ही में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा तीन तलाक पर एक आचार संहिता जारी की गई। इस आचार संहिता की गीतकार- लेख क और पूर्व राज्यसभा सांसद जावेद अख्तर ने कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि किसी भी गलत चीज में मिसयूज या उसका दुरुपयोग नहीं देखा जाना चाहिए। इसे सिरे से खत्म किया जाना चाहिए।
मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक पर मिल सकता है न्याय
तीन तलाक को जड़ से उखाड़ कर ही महिलाओं को वर्षों से चली आ रही गलत परंपरा की बेडि़यों से आजाद कराकर उन्हें न्याय दिया जा सकता है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो मुस्लिम समाज के हर घर के अंदर एक आग की चिंगरी रहेगी जो किसी भी समय ज्वालामुखी बन जाएंगी। तब मुस्लिम समाज को एक बड़ा संकट झेलना पड़ेगा। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मौलाना वली रहमानी के मुताबिक, जो भी तीन तलाक पर जारी की गई आचार संहिता का उल्लंघन करेगा उनका सामाजिक बहिष्कार कर दिया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई इस तीन तलाक का मिसयूज करेगा तो ऐसे में कानून को नहीं, बल्कि ऐसे लोगों को बदलने की जरूरत है।
जावेद अख्तर ने ट्वीट कर निकाला अपना गुस्सा
मौलाना वली रहमानी की यही बात जावेद अख्तर को नागवार गुजरी और अपना गुस्सा उन्होंने ट्विटर पर निकाला। उन्होंने ट्वीट किया, 'आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तीन तलाक का मिसयूज करने वालों का बहिष्कार करने की बात कही है, ये चकमा देने वाली बात है। तीन तलाक वाली बात खुद में ही एक गाली है और इसे बैन किया जाना चाहिए। उन्होंने आगे ट्वीट किया तीन तलाक का मिसयूज का मतलब क्या है ? क्या इसका कोई तुक बनता है। कल को हमें उत्पीड़न, घरेलू हिंसा और रेप का गलत इस्तेमाल जैसा सुनने को मिलेगा।' उन्होंने मौलानाओं को मुस्लिम समाज की महिलाओं के हक में जल्द से जल्द इस गलत परंपरा को खत्म करने की अपील भी की।