भाग 9
एग्जाम की तारीख तय होती है, पीयूष के पिता उसे अब पढ़ाई पर ध्यान देने को कहते हैं ,और मोबाइल को कुछ दिन बंद करने को कहते हैं,पीयूष सोचता है की अगर मोबाइल बंद कर देंगे , तो मृदुला से बात कैसे कर पाएगा पर पापा भी तो मानेंगे नही ,।
वह उदास होकर शाम को अकेले ही घाट पर जाकर बैठता है, उसके पीछे कौशल आकर उसे खूब सुनाता है" ,अब तू अकेले आने लगा अब तक तो मैं साथ आता था, यही दोस्ती है, ! वह कहता है " यार ऐसा नहीं है, अब एग्जाम की डेट फाइनल हो गई तो पापा ने कह दिया मोबाइल बंद करके पढ़ाई पर ध्यान दो, अब तुम्ही बताओ मैं उस से बात किए बिना कैसे रह सकता हूं, ! कौशल कहता है " ये तो बहूते बड़ी समस्या खड़ी हो गई, अब का करेंगे ,
तभी सामने के किनारे पर मृदुला अपनी फौज के साथ दिखती है, वह पीयूष को देख हाथ वेब करती है,पीयूष भी यहां से हाथ वेब करता है, तो वह कॉल करती है,पीयूष कॉल उठाता है,वह सामने से कहती है," हैलो सजनवा , कैसे हो,आज तो तुम्हारी बहुत याद आ रही थी,जानते हो ,हमरा परीक्षा का तारीख फिक्स हो गई है, धत तेरे कि, हम तो भूल गए की तुम भी पढ़ने जाते हो,तुम्हारा भी तो फिक्स हो गया होगा ना,! पीयूष कहता है " यही तो प्रोब्लम है सजनी , हमारे पापा कह दिए हैं, की अब मोबाइल बंद पढ़ाई चालू , अब हम तुमसे बात किए बिना कैसे रह सकते हैं,!!
सामने से मृदुला सोचने लगती है तो वह कहता है" का हुआ बोलती कहे बंद हो गई सजानिया " ! मृदुला कहती है " हम कुछ सोच रहे थे ,आपके लिए एक बढ़िया सा टास्क देना चाहते हैं, मतलब एक वादा चाहते हैं,"! वह चौक कर पूछता है," कैसा वादा ,तुम तो डरवा रही हो,जल्दी बोलो,हमे तो पापा ने एक टास्क तो पहले ही दे कर हमरी हालत गंभीर किए हुए हैं,अब तुम्हऊ दे दो, ! कौशल कहता है," तुम्हारी बारात निकलने वाली है गुरु,!! वह कुछ कहे उसके पहले सामने से मृदुला बोलती है," अरे हमारे बाबूजी बुला रहे हैं, ! पीयूष देखता है तो सामने से उसके पिता ,उसे हाथ हिलाकर बुला रहे हैं,! वह भागते हुए जाती है, पीयूष कहता है " यार आज का दिन ही खराब है, आज हमारा बेड लक हावी हो गया है,"! कौशल कहता है," अब गुरु ,सब दिन एके जैसे कैसे हो सकता है, अरे फिर भी 15 दिन से तो बढ़िया ही चल रहा था,"! वह कहता है" अब ई सजनिया ,कौनसा टास्क देने वाली है,हमे तो असमंजस में डाल दी है अब तो पूरी रात नींद नहीं आएगी , एक तरफ बापू विलेन बन रहे हैं,और दूसरी ओर हमारी हीरोइन हमे पता नही क्या वादा लेगी,।
उसके पापा सुबह मोबाइल मांगते हैं तो उसकी जान जैसे हलक में आ गई, उसका चेहरा रोने जैसा हो गया, वह पापा से कहता है," पापा प्लीज आप,एक दिन के लिए और मोबाइल मेरे पास रहने दिजिए,"!
उसके पापा कहते हैं," क्यों एक दिन में क्या तीर मारने वाले हो ,बस आज से मोबाइल नही तो नही, "! वह कहता है" प्लीज पापा सिर्फ आज का दिन उसके बाद आज रात में ही आप ले लीजिएगा,"! उसकी मां सब सुन रही है,वह कहती है," इतना रिक्वेस्ट कर रहा है, तो आज शाम तक रहने दो,"! उसके पापा कहते हैं " वाह भाई वाह , अपने नालायक बेटे का साथ उनकी मां दे रही है,ठीक जैसी तुम मां बेटे की इच्छा "! वह मोबाइल देकर जाते हैं,!
स्कूल में कौशल हंसता हुआ कहता है," तो गुरुजी ,अमरीश पुरी हैं, या गुलशन ग्रोवर," !! वह कहता है," परेश रावल हैं,नही नही वो थ्री इडियट वाले क्या नाम है उसका दिमाग में है पर जबान पर नही आ रहा है,अरे हां ऊ बोमन ईरानी,दिखने में तो डिसेंट पर अंदर से खतरनाक है "! कौशल जोर जोर से हंसता और कहता है " अगर गुरुजी को पता चल गया तो तुम्हे भी फुट बॉल तो बना ही देगें, ! जोर जोर से हंसता है, पीयूष को उसपर गुस्सा आता है, एक तो वह बुरी तरह से परेशान था और इसे हँसी आ रही है,।
क्लास रूम में भी कौशल बार बार उसे देख कर हंस पड़ता था, पीयूष अपना बेंच बदल कर पीछे खाली पड़े बेंच पर बैठता है, तभी क्लास में अगला हिंदी का क्लास लेने उसके पापा आते हैं तो उसकी हवा खराब होती है, उसे पीछे बैठे देख कर वो कहते हैं," अरे अभी से अपनी जगह तय कर लिया,इसीलिए मोबाइल लिया था, चलो आगे आकर बैठिए , वरना पूरे क्लास के सामने चमड़ी उधेडूंगा,! सभी बच्चे उसकी तरफ देखते हैं, तो उसे बड़ी बेइज्जती महसूस होती है, उसके पापा कहते हैं " इस वक्त तो मैं तुम्हे खलनायक लग रहा हूंगा ,पर तुम्हे सुधारने के लिए कुछ भी बन सकता हू,,!
आगे की कहानी अगले भाग में पढ़िए ""!