भाग 14
उस दुर्घटना से उबरने के बाद ,पीयूष पढ़ाई में लग जाता है, मृदुला भी भी पढ़ाई में लग जाती है, पीयूष के पापा उसे मोबाइल दे देते है और मुस्कराकर कहते हैं ,," बेटा ,जब इच्छा हो बात कर लेना पर दुबारा नदी में मत कूदना , नीता और दोनो हंसते हैं, कौशल भी मार खा कर भी पीयूष का साथ नही छोड़ता है, बल्कि दोनो साथ बैठकर पढ़ने लगते हैं, पीयूष एक बार मां के कहने पर मृदुला को फोन लगता है तो वह रोते हुए कहती है," सजनवा तुम तो हमरे बैरी निकले, तुमने एक बार भी नही सोचा और हमारे बुलाने से पानी में कूद गए अगर तुम्हे कुछ हो जाता तो हम कैसे जिंदा रहते , अब हम तुमसे बात टॉपर होने के बाद ही करेंगे ,"! पीयूष की आंखों में आसूं आते हैं वह कहता है " अच्छा सजानियां माफी दे दो, सुनो हमरी मम्मी तुमसे बात करना चाह रही हैं, ! वह घबरा के बोलती है " धत्त तेरे की ई सब बात मम्मी सुन ली क्या, तुम तो बहुते दुष्ट हो सजनवा, हमको अभी से फसा दिया,का सोचेंगी हमरा बारे में "! नीता फोन लेकर बोलती है," तु एक बार हमे घर की बहु बनकर आ जा फिर खूब कुटाई करेंगे, "! और वह हंसती है, मृदुला कहती है, " कोनो बात नही मम्मी प्रणाम ,हमको आदत है ,हमरी अम्मा को भी जब गुस्सा आता है तो बलभर कुटाई करती हैं तो आपो कर लेना ,! दोनो ही हंसती है,नीता कहती है, " समधीन से बात करा देना ,हैं कह देंगे हमरी बहु को अब हाथ ना लगाए, ! मृदुला कहती है " हम कह देंगे, आप सब अपना ख्याल रखना और इनको बाहर मत जाने देना बड़े अडबंगी हैं ,अच्छा प्रणाम, पढ़ाई करनी है, और अपने अड़बंगी से कह दीजिएगा पढ़ाई करे फोन करके टाईम पास न करे अच्छा प्रणाम आशीर्वाद दीजिएगा ताकि हम दोनो टॉपर बने, ! नीता कहती है " जिला टॉप करो दोनो, खुश रहो बच्चो बस हमे का चाहिए ,! फोन कटता है,नीता कहती है ," ई तो बिलकुल हमारे जैसी है हम भी पहले ऐसे ही बकबक करते थे, !
एग्जाम पूरे होते हैं ,आज रिजल्ट का दिन है , सभी बच्चे भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं की वो पास हो जाए खास कर वो बच्चे जिनके पेपर अच्छे नहीं गए कई तो संकट मोचन में सुबह से बैठे हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं जैसे हनुमान जी उनका पेपर लिख के पास करवा देंगे , एक लड़का तो सभी बंदरों को केला खिलाने में लगा है किसी ने कह दिया कि इस से हनुमान जी प्रसन्न होकर पास करा देंगे ,सब अपने अपने तरीके से मनाने में लगे हैं, ।
रिजल्ट घोषित होता है तो पीयूष और मृदुला पूरे स्टेट में फर्स्ट और सेकंड होते है, कौशल का भी इनके चक्कर में टॉप टेन में आता है,,! सीएम से लेकर सभी तरफ से बधाइयों का ताता लग जाता है, दोनो को ही D M की तरफ से काशी विद्यापीठ के स्टेज पर बुलाया जाता है, दोनो पहली बार ढंग से एक दूसरे को देखते हैं तब तक इनकी प्रेम कहानी सभी की जबान पर आ गई थी, पहली बार अवार्ड लेने के दोनो साथ खड़े होते हैं तो बच्चे तालिया बजा कर और जोरदार सिटियो के साथ स्वागत करते हैं , अवार्ड देने के बाद डीएम कहते हैं " मेरी दोनो के परिवार से विनंती है की दोनो की प्रेम कहानी को एक सुंदर रूप दे और इनकी उम्र होने पर जब शादी हो तो , में भी उसमे शामिल रहु, कुछ बच्चे चिल्लाते हैं सर इनकी सगाई अभी कर दीजिए , डीएम मुस्करा कर कहते हैं " अगर इनके परिवार के लोगो को प्रोब्लम नहीं हो तो मुझे अच्छा लगेगा इनकी सगाई करने में और इतनी भीड़ तो किसी के भी सगाई में नही हुई होगी, दोनो के पिता खड़े होकर कहते हैं सर बच्चे आपके है आप जो चाहें करें , डीएम तुरंत अपनी जेब से पैसे निकाल कर देते हुए कहते हैं कि जाओ दो माला ले आओ और इनकी सगाई की रस्म पूरी करते हैं , सभी बच्चे मारे खुशी के दोनो के नाम ले लेकर विश करने लगते हैं, दोनो की सगाई की रस्म पूरी होती है पर इस शर्त के साथ की शादी जब दोनो 21 के हो जायेंगे तभी होगी और उन्हे इसी तरह टॉपर रहना होगा वरना शादी कैंसल हो जायेगी,दोनो के हो आंखो में प्यार भरे आंसू आते हैं, उनके पिता आपस में गले मिलते हैं, दोनो बच्चे डीएम और बाकी के सभी स्टेज पर खड़े अपने से बड़ों का पैर छूकर आशीर्वाद लेते हैं ,!
दूसरे दिन पेपर और न्यूज चैनल में इस सगाई की खूब चर्चा होती है , सीएम साहब भी उन्हे बधाई संदेश के साथ मिठाई भेजते हैं , दोनो परिवार खुश होता है , मृदुला की चोटी बहन ममता की भी सगाई मृदुला और पीयूष के कहने पर कर दी जाती है ,कौशल के पिता भी खुश होते हैं, मृदुला नीता के पैर छूती है और कहती है " मम्मी जी मार खाने जल्दी ही आऊंगी, "!! सभी हंसते हैं, !!