भाग 13
मृदुला पीयूष का फोटो देख रही है, तभी उसकी छोटी बहन, ममता आती है, और कहती है," वाह क्या पढ़ाई हो रही है, तुम तो जरूर टॉपर बनोगी , पर लास्ट नंबर से,"! मृदुला उसे मरने दौड़ती है तो वह कहती है ," मुझे मारेगी , तो मैं पापा को सब बता दूंगी,! मृदुला कहती है " अच्छा सॉरी बाबा ,कान पकड़ती हूं ! ममता कहती है " अब तो चॉक्लेट देना पड़ेगा वो भी बड़ा वाला,! मृदुला कहती है " दुष्ट ब्लैक मेल कर रही है, चल खिला दूंगी ,!
पीयूष सुबह स्कूल पहुंचता है,सभी बच्चे उसे देख कर कहते हैं यार हमे भी कोनो मिल जाती तो हम लोगो की भी लाइफ बन जाती , ! पीयूष कौशल से कहता है ," यही दोस्ती निभाया तुमने ,मैने तुम पर भरोसा किया था पर तुमने तो मेरी बारात ही निकाल दी, कोई बात नहीं दोस्त अब तो मेरा मिशन टॉपर ही है जो में कर के रहूंगा , !
दो हफ्ते बीत चुके थे, पीयूष का दिल मृदुला को देखे बिना मान नही रहा था, पर वो क्या करे , उसे समझ नहीं आ रहा था, पहले तो कौशल उसके साथ था पर अब वह भी उस से चिढ़ गया था, तभी कौशल उसके पास आता है, और अपने किए पर सॉरी बोलता है , वह मानता है, कि उस से गलती हो गई, , पीयूष उसके गले लग कर रोता है ,कौशल उसको समझाता है, और कहता है चल आज मैं टिक्की खिलाता हूं !
मृदुला भी ममता के साथ बैठी है , वह कहती है " यार ममता , सजनवा से मिलने का मन कर रहा है,, ! ममता कहती है," खुद ही तो बड़की वादा निभाने की बात कर रही थी, और अब अपने ही पगला रही है, चुप चाप पढ़ाई कर, । वह कहती है ," आज किनारे चलते हैं,थोड़ी देर के लिए मेरा मन कर रहा है कि वह भी आएगा,!
कौशल और पीयूष घाट पर घूमते हुए अपने घाट पर पहुंचते हैं तभी सामने से, मृदुला आती दिखाई देती है, वह उन्हे देख हाथ हिलाकर चिल्लाती है, तो यह भी जोर जोर से हाथ हिलाता है ,कौशल कहता है," भईया आग दोनो तरफ बराबर लगी है क्या प्यार है बिना तार के तार मिल रहे हैं,ये मिलने निकला तो वह भी आ गई,मृदुला उसे आने का इशारा करती है तो कौशल कुछ कहे उसके पहले ही वह पानी में कूद पड़ता है, लोग चिल्लाने लगते हैं, क्योंकि कुछ दिनों से मगरमच्छ बहुत सारे आ गए थे अभी कल ही एक भैंस पर हमला कर दिया था,लोग इसीलिए किनारे ही नहा रहे थे, और ये लड़का तो कूद गया, और धीरे धीरे दूसरे किनारा जाने लगा , गंगा के रक्षक जो डूबने वालो को बचाने के लिए रहते हैं वो चिल्ला चिल्ला कर पीयूष को वापस आने को कहते हैं, पर उसे कहां सुनाई देता , गंगा की लहरोबके कलकल और तैरने की ध्वनि के सामने उनकी आवाज दब जाती है, उसे रुकता न देख रक्षक हाथ में बड़े डंडे लिए नाव में बैठकर उसकी तरफ जाने लगते हैं, वो अपने रहते किसी को मौत के मुंह में कैसे डालते ,उधर मृदुला भी सब देख रही है उसे समझ नही आ रहा की लोग चिल्ला क्यों रहे हैं, तभी उसे एक मगरमच्छ पानी में घुसते दिखाई देता है तो वह सब समझ जाती है, क्योंकि वह भी तो किनारे ही रहती है और सारे नियमों को समझती है, वह भी जोर जोर से उसे वापस जाने का इशारा करती है और चिल्लाती है पर पीयूष तो अपनी ही धुन में मस्त था, रक्षक नाव तेजी से बढ़ाते हैं, तभी एक मगरमच्छ तेजी से पीयूष की तरफ आता दिखाई देता है, तो नाव में बैठा एक आदमी अपनी पिस्टल निकल कर मगरमच्छ पर गोली चलाता है, पूरे घाट में हंगामा खड़ा हो जाता है, गोली की आवाज सुनकर पीयूष थोड़ा हड़बड़ाता है, मगरमच्छ गोली लगने के बाद भी उसकी तरफ बढ़ रहा था , पीयूष की नज़र मगरमच्छ पर पड़ती है तो वह एकदम से घबरा जाता है , वह तो जैसे तैरना भूल जाता है, उधर मृदुला का चिल्लाना सुन उसके गांव के लोग और उसके पिता भी भागकर आ जाते हैं उन्हे लगता है कि उनकी बेटी किसी मुसीबत में फस गई है , पर जब उनकी नजर पीयूष पर जाति है तो वह सब समझ जाते हैं, पीयूष डर के मारे तैरना बंद करता है तो वह डूबने लगता है ,मृदुला रोने लगती है तो उसके पिता उसे घर जाने को कहता है तो वह तैयार नहीं होती है उसका प्यार उसके लिए मौत के मुंह में था तो वह कैसे जाती उसका बस चलता तो वह खुद भी कूद कर उसे बचाने चली जाती पर वह मगरमच्छ से नही लड़ सकती थी, मगरमच्छ पीयूष के पास पहुंचने वाला होता है तभी रक्षक वहा पहुंच जाते हैं और वो लोग मगरमच्छ को डंडे से मारकर भागते है , उनका ध्यान उस मगरमच्छ पर है ,तभी एक दूसरा मगरमच्छ पीयूष की तरफ तेज़ी से बढ़ता है, सभी चीखना शुरू करते हैं,!
आगे की कहानी अगले भाग में, !!