दिल्ली : त्याौहारी सीजन में अक्सर दलाल सक्रीय हो जाते है. ग्राहक से टिकट कनर्फम करने के नाम पर मोटी रकम लूटते है. एक नया मामला सामने आया है मुंबई-फिरोजपुर पंजाब मेल में 19 सितंबर को बी 2 कोच में सवार युवती के उस समय होश उड़ गए जब टीटीई ने कहा कि आपका टिकट कैंसिल है. चार्ट में नाम नहीं है. दरअसल, युवती ने मुंबई में एक एजेंट से टिकट कराया था. एजेंट ने उसे कंफर्म टिकट दिया था, लेकिन चार्ट बनने के पहले एजेंट ने टिकट कैंसिल कर लिया, ताकि रिफंड की राशि उसके खाते में आ जाए.
ई-टिकट कैंसिल होने की स्थिति में टीटीई ने युवती को बिना टिकट करार दे दिया. युवती ने अपने किसी परिचित से अगले स्टेशन पर जनरल टिकट मंगाया. बाद में टीटीई ने एसी 3 का चार्ज लेकर टिकट बनाया. यह किसी एक यात्री की समस्या नहीं है. नाम न बताने की शर्त पर एक टीटीई ने कहा कि एजेंट पहले तो यात्री को कंफर्म टिकट दे देते हैं. चार्ट बनने के पहले टिकट कैंसिल कर लेते हैं, और रिफंड राशि उनके खाते में आ जाती है. लेकिन बनाने के लिए दी गई कमीश्न की रकम का चूना ग्राहक को लग जाता है.
त्योहारी सीजन व छुट्टियों के दौरान बड़े स्टेशनों से चलने वाली ट्रेनों में इस तरह की शिकायतें ज्यादा आती हैं. उन्होंने बताया कि एजेंट चार्ट बनने के कुछ देर पहले टिकट कैंसिल करते हैं, ताकि यात्री स्टेटस चैक करे तो कोई दिक्कत न हो. हालांकि, अब चार्ट चार घंटे पहले बन जाता है. चार्ट बनने के बाद टिकट कैंसिल कराने पर रिफंड नहीं मिलता, इसलिए ट्रेन रवाना होने के 4 से 5 घंटे पहले टिकट रद्द करते हैं. कुछ साल पहले तक चार्ट बनने के बाद वे टिकट कैंसिल करते थे. टीटीई को भी यह पता नहीं होता था कि यह टिकट कैंसिल है. ऐसे में 50 फीसदी रिफंड एजेंट के अकाउंट में चला जाता था.