लखनऊ। उत्तर प्रदेश के योगीराज ने अखिलेश यादव की आंखों की पुतली रहे आजम खान को अपने शिकंजे में बुरी तरह जकड़ लिया है। यह वहीं आजम खान हैं, जिनकी अपनी आंखों की पुतली की ही तरह अखिलेश यादव हर तरह से रक्षा करते रहे है। इनके ‘सुराज‘ में आजम खान की बेलगाम जुबान से जहरबुझे शब्दबाणों के जरिये प्रधानमंत्री से लेकर राज्यपाल राम नाइक तक को भी मर्माहत करने की खुली छूट मिली हुई थी। इससे चचा भतीजे दोनों ही परम मुदित होते रहे हैं। इसीलिये चचा ने नख से लेकर शिख तक की सुरक्षा की जिम्मेदारी भतीजे से ओढ़ रखी थी। लेकिन, योगी ने आते ही अखिलेश के चचा को अपने शिकंजे में बुरी तरह जकड़ कर उन्हें दिन में भी तारे दिखा दिये हैं। ऐसे में भतीजे सिर्फ और सिर्फ आह भरकर छटपटा रहे हैं।
आजम के जहरबुझे शब्दबाण
अपने जहरबुझे शब्दबाणों से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और राज्यपाल राम नाइक जैसों को भी मर्माहत कर परम मुदित होने वाले मोहम्मद आजम खॉ ने की कोशिश करने वाले मुलायम सिंह यादव के के कंठहार और अखिलेश सरकार में बहादुरशाह जैसे रहे मोहम्मद आजम खॉ बोर्डमोहम्मद आजम खॉ भारत माता का डायन कहने के कारण सबसे पहले विवादों के घेरे में आये थे। हांलाकि, इस संवाददाता से बात करते हुए उन्होंने इस आरोप से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि यह मीडिया के दिमाग की उपज है। इसके बावजूद, उनके दूसरे अन्य विवाद आज भी उनका पीछा नहीं छोड रहे है।
आजम के लिये भारत माता डायन
चचा जान सबसे पहले भारतमाता को डायन कहकर चर्चा में आये थे। इस पर अपने राजनीति क आकाओं द्वारा पीठ थपथपाये जाने पर इनका हौसला इस हद तक बुलंद होता गया कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को कुत्ते के पिल्ले का बडा भाई होने का दर्जा दे दिया। वह भी खुलेआम। इनके डरने की कोई वजह भी नहीं थी। पिता और पुत्र इनके दाहिने और बायें बाजू के पास खडे ही थे। अपनी इसी हौसला बुलंदी के चलते अखिलेश यादव के इस बहादुरशाह ने राज्यपाल की गरिमा को तार तार करते रहे। बेचारे जैसे बना दिये गये प्रदेश के राज्यपाल तत्कालीन मुख्य मंत्री अखिलेश यादव से गुहार लगाते ही रह गये। अब योगी इनके किये का सबक सिखाने में देर नहीं करेंगे। इसकी आहट मिलने से, लगता है बहादुरशाह पसीने पसीने हो रहे हैं। लगता है कि उनकी इस दीनहीन दशा को देखकर इनके मीडिया प्रभारी ने करुणा से द्रवित होकर मुख्य मंत्री योगी को खून से लिखा एक खत भेजा है। उसमें बडे नाटकीय अंदाज में सफाई दी गयी है।
आजम खान की भैंसों का जलवा
बहरहाल, अखिलेश सरकार में इनकी कारगुजारियों को सुनकर लोग चटखारे लेकर मजा लेते रहे। मसलन, वर्ष 2014 में आजम खॉ के फार्म हाउस से भैसों की चोरी हो जाने के मामले मंे यह हर जुबान पर आ गये थे। सपा सरकार में इनका इतना जबरदस्त जलवा था कि इनकी भैसों के न मिलने पर कइयों की नौकरी तक जा सकती थी। इस भयवश इनकी भैसों को ढूढ निकालना समूचे पुलिस प्रशासन के लिये गंभीर चुनौती बन गयी थी। लिहाजा, सिर्फ दो दिनों के ही अंदर उनकी भैसों को खोज निकाला गया था। इतनी त्वरित कार्रवाई के बावजूद, पुलिस के एक दरोगा तथा दो सिपाहियों को लाइनहाजिर कर दिया गया था। इस पर यह सवाल उठाया गया था कि जिस सपा सरकार में कानून और व्यवस्था की स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है, उसमें उनकी भैसों को खोज निकालने में समूचे पुलिस प्रशासन का लग जाना बडी शर्मनाक बात है। पता नहीं, यह सुनकर आजम खॉ को शर्म आयी थी कि नहीं। अखिलेश यादव के बारे में ऐसी कोई जानकारी नहीं मिल सकी।
मुजफ्फरनगर के दंगे में आजम पर आरोप
इसके पहले 2013 में मुजफ्फरनगर के दंगों को लेकर भी अपने बयानों के कारण भी यह सुर्खियों में आये थे। इस संबंध में एक न्यूज चैनल के स्टिंग आपरेशन के जरिये इन पर आरोप लगा था कि इन्होंने एक पुलिस अधिकारी पर दबाव डालकर इस दंगे के सिलसिले में गिरफ्तार किये गये आरोपियों को छुड़वाया था। दादरी हत्याकांड पर बयान देते हुए इन्होंने कहा था कि हिम्मत हो तो बीफ बेचने वाले होटलों को बाबरी मस्जिद की तरह तोड दो। गोभक्त आज के बाद से किसी भी होटल के मेन्यू में बीफ की कीमत न लिखने दें। अगर ऐसा है, तो सभी पांच सितारा होटलों को बाबरी मस्जिद की ही तरह ध्वस्त कर दिया जाय। कारगिल युद्ध पर अपना बयान देते हुए आजम खां ने कहा था कि कारगिल की पहाडियों को फतह करने वाले सेना के जवान हिंदू नही, बल्कि मुसलमान थे। उनके इस बयान को लेकर समूचे देश में बडा विवाद उत्पन्न हो गया था। लेकिन, आजम खा। अपना बयान बदलने के लिये तैयार नहीं हुए।
प्रधानमंत्री मोदी को भी नहीं बख्शा
प्रधान मंत्री मोदी के एक बयान पर बडी तीखी टिप्पणी करते हुए आजम खां ने कहा था कि कुत्ते के बच्चे के बडे भाई हमे तुन्हारा गम नहीं चाहिये। इसी तरह 2014 के लोकसभा के चुनाव में बेहद भडकाऊ बयान देते हुए इन्होंने भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा था कि 302 का अपराधी गुंडा नंबर वन यूपी में दहशत फैलाने आया है। इस बयान पर जबरदस्त बवाल मचने पर खां साहब ने कहा था कि क्या ऐसे अपराधी को भारत रत्न दिलवा दूॅ। उनके ऐसे ही विवादित बयानों के कारण 2014 में चुनाव आयोग ने इन्हें नोटिस जारी कर दी थी। ऐसे ही बदायूं के एक कार्यक्रम में इन्होंने महिलाओं पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि गरीब घरों की महिलाएं अपने यार के साथ नहीं जा सकती हैं। इसीलिये ज्यादा बच्चे पैदा करती हैं।
राज्यपाल को बना दिया "बेचारा"
इतना ही नहीं, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रामनाइक पर इन्होंने कई बार इतनी बेहूदा टिप्पणियां की हैं कि उससे मर्माहत होकर उन्होंने तत्कालीन मुख्य मंत्री अखिलेश यादव से लिखित शिकायत कर इनकी बेलगाम जुबान पर कंट्रोल करने के लिये कहा था। लेकिन, अखिलेश यादव ने उनकी बातों पर जरा भी तवज्जो देने की जरूरत ही नहीं समझी।