देहरादून: उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव में कुल 70 सीट हैं जिनमें 69 सीटों पर मतदान 15 फरवरी को संपन्न हो चुका है। दरअसल, बसपा प्रत्याशी कुलदीप सिंह कनवासी की आकस्मिक मृत्यु के कारण चुनाव आयोग ने कर्णप्रयाग में चुनाव स्थगित कर दिया था। जिसके चलते कर्णप्रयाग में नौ मार्च को चुनाव होना बाकी है। देवभूमि उत्तराखण्ड में सभी दलों के लिए एक-एक सीट पर चुनाव महत्वपूर्ण है।
दरअसल, यहां सभी पार्टियां अपने अपने प्रत्याशी घोषित कर चुके थे अब केवल बसपा के प्रत्याशी को ही यहां नामांकन करना था। बसपा ने यहां अपने पूर्व प्रत्याशी दिवंगत कुलदीप सिंह कनवासी की पत्नी ज्योति को ही अपना उम्मीदवार बनाया है। उन्होंने अपना नामांकन भी करा दिया है। यहां से कांग्रेस ने पूर्व विधायक डॉ. अनुसूया प्रसाद मैखूरी जबकि भाजपा ने सुरेंद्र सिंह नेगी को टिकट दिया है। माना जा रहा है कि अब यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है।
कर्णप्रयाग सीट पर अब सभी की निग़ाहे हैं। ग़ौरतलब है कि पिछली बार एक अदद सीट के पीछे ही मामला फंसता नज़र आ रहा था। उस वक़्त मामला 31 और 32 पर आकर रुका था। हालांकि इस बार हर कोई पूर्ण बहुमत की सरकार का दावा करने में ज़रा भी नहीं चूकता नज़र आ रहा। कहा तो यह भी जा रहा है कि दोनो ही पार्टियां कर्णप्रयाग सीट के लिए भी अपनी पूरी ताकत झोंकने को तैयार हैं क्योंकि यह चुनाव हर किसी के निजी भविष्य और अस्मिता का हो गया है।